रांची। झारखंड कैबिनेट की बैठक में सीएम, मंत्री, सचेतक, विधायकों को मिलनेवाली राशि, सुविधाओं में बढ़ोत्तरी का भी निर्णय हुआ। इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सवाल उठाया है। बढ़ोत्तरी को लेकर अपनी आपत्ति भी जाहिर की। सोशल मीडिया के जरिये कहा कि सरकार के पास पैसों की कमी सिर्फ गरीब, युवा, किसान और महिलाओं के लिए है। जहां गठबंधन सरकार के पास महिलाओं को चूल्हा खर्च देने के नाम पर 2000 रुपये तक नहीं हैं।

जहां बेरोजगारी भत्ता देने में सरकार की रूह कांप उठती है। जहां किसानों की दो लाख तक कर्ज माफी करने में सरकार के पास पैसे नहीं बचते हैं, जहां गरीबों की थाली में दो वक्त की रोटी मुहैया कराने में पैसे की कमी हो जाती है। उसी गठबंधन सरकार के लिए खुद के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है। बाबूलाल ने लिखा है कि झारखंड की आम जनता के भविष्य और जीवन यापन के लिए सरकार के पास दो आना भी नहीं है। ये कैसी सरकार है जिसकी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने में सांसें फूलने लगती हों। छात्रों के लिए नौकरी का विज्ञापन निकालने में हाथ थरथराने लगते हों। मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने में जिनका खजाना खाली हो, महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में जिनके पैरों के नीचे को जमीन खिसक जाती हो। गरीबों के बेहतर जीवन यापन की गारंटी देने में जिनकी कलम चलनी बंद हो जाती हो। किसानों के साथ न्याय करने में जिनके पसीने छूटने लगते हों। झारखंड की जनता जानना चाहती है कि जब बात खुद के इंतजाम की आती है, तो इतने पैसे सरकार के किस बटुये में आ जाते हैं। सरकार के आंगन में लगा वह कौन सा पैसों का पेड़ है, जो सत्ताधारियों-जन प्रतिनिधियों के लिए ही धन की वर्षा करता है और सभी के वेतन में इजाफा कर दिया जाता है।

 

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