रांची। झारखंड में राहुल गांधी का जादू जनजातीय सीटों पर चला है। इसकी चर्चा राज्य के राजनीतिक गलियारे में हो रही है। राहुल गांधी ने झारखंड में केवल दो चुनावी सभा की। एक झामुमो के लिए सिंहभूम में और दूसरी कांग्रेस उम्मीदवार सुखदेव भगत के लिए लोहरदगा संसदीय सीट के बसिया में सभा की थी। इन दोनों सीट पर इंडिया गठबंधन ने बाजी मार ली। राहुल गांधी के दौरे का असर दक्षिणी छोटानागपुर की एक अन्य आदिवासी सीट खूंटी पर भी पड़ा। आदिवासी के लिए आरक्षित खूंटी सीट भी कांग्रेस ने जीत ली। राहुल गांधी ने अपने झारखंड दौरे के दौरान दोनों चुनावी सभा में स्थानीय मुद्दे को बहुत बारीकी से उठाया थाण् अपने संबोधन में कहा था कि अगर केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनी, तो झारखंड विधानसभा से पारित सरना धर्म कोड लागू करेंगे। उन्होंने कहा था कि जल, जंगल और जमीन पर पहला हक आदिवासियों का है, जिसे पीएम नरेंद्र मोदी छीन कर अपने पूंजीपति मित्रों को देना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस छीनने नहीं देगी। इतना ही उन्होंने यहां तक कह दिया कि आपके प्रिय सीएम हेमंत सोरेन को जेल में डाल दिया गया। इंडी गठबंधन की सरकार आने पर वे जेल से बाहर आयेंगे।

खड़गे-प्रियंका, तेजस्वी की मेहनत रंग नहीं लायी
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी वाड्रा ने झारखंड में दो लोकसभा सीट के लिए चुनावी सभा की। उन्होंने गोड्डा और रांची संसदीय सीट के लिए चुनावी सभा कीण् प्रियंका गांधी ने इन दोनों स्थानों पर बहुत ही शालीनता के साथ भाषण दिया। शांतिपूर्ण तरीके से नरेंद्र मोदी पर हमला किया था। जनसभा में उपस्थित लोगों ने भी बहुत शांत मन से उनका भाषण सुना था। मगर इत्तेफाक से कांग्रेस ने ये दोनों सीटें गोड्डा और रांची जीत न सकी। इतना ही नहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी चतरा, हजारीबाग और गोड्डा संसदीय सीट पर चुनावी सभाएं कीं। मगर तीनों सीट कांग्रेस जीत न सकी। तेजस्वी यादव ने पलामू में तुफानी चुनावी दौरा किया, इसके अलावा उन्होंने चतराए गोड्डा और कोडरमा में भी चुनावी सभाएं कीं। मगर तेजस्वी यादव का जादू भी झारखंड में नहीं चला। तेजस्वी यादव ने यहां 10 से अधिक चुनावी सभाएं कीं, लेकिन कोई प्रत्याशी जीत नहीं पाया।

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