रांची। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को मूलवासी सदान मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने एक पत्र मेल के माध्यम से भेजा है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि कार्यपालक अभियंता द्वारा लघु सिंचाई सिमडेगा चेक डैम बुलढ़ाणाला प्रखंड सिमडेगा के लिए निविदा निकाला गया था। उस निविदा में तीन संवेदकों ने निविदा भरा था। दूसरा जागेश्वर नाग और तीसरा संवेदक रवि प्रसाद ने टेंडर भरा था। एल वन रहे रवि प्रसाद को काम देने से मना कर दिया गया। यह बोलकर कि उनके पास काम करने का कोई एक्सपीरियंस नहीं है। बाद में उनसे काम अलॉटमेंट करने से पहले 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की गयी। रवि प्रसाद के द्वारा कमीशन देने से मना करने पर मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता के द्वारा उनके चरित्र प्रमाण को फर्जी बताया गया।

बाद में मुख्य अभियंता लघु सिंचाई रांची द्वारा उपायुक्त सिमडेगा से मेल के माध्यम से पूछा गया कि यह चरित्र प्रमाण पत्र सही है या नहीं। इसके बाद उपायुक्त सिमडेगा की ओर से मेल के माध्यम से बताया गया कि चरित्र प्रमाण पत्र उनके कार्यालय से ही निर्गत किया गया है और वह वैध है, लेकिन चरित्र प्रमाण पत्र में छह माह की जगह में दो माह दर्ज है, यह मानवीय भूल है। इसके बाद मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता ने इसी को आधार बनाकर उन्हें काम देने से मना कर दिया और दूसरे नंबर पर लोएस्ट भारतीय कंधों प्राइवेट लिमिटेड को को कम देने की चर्चा है। रवि प्रसाद के पास उपायुक्त के द्वारा दूसरा प्रमाण पत्र भी निर्गत किया गया था, जो काम देने से पहले उस आचरण प्रमाण पत्र को जमा किया जा सकता था, लेकिन मामला कुछ और है। अधिकारियों के द्वारा काम देने से पहले 10 प्रतिशत का कमीशन लिया जाता है और वे काम अपने नजदीकी संवेदकों से सांठगांठ कर कमीशन लेते हैं। नये संवेदकों को विभाग में काम नहीं देना चाहते हैं। इस निविदा के बाद फिर लघु सिंचाई विभाग के द्वारा चार जगहों के लिए फिर से निविदा निकला है, लेकिन इसमें यह शर्त जोड़ दिया गया है कि निविदा में वही संवेदक शामिल होंगे, जिसके पास कार्य करने का एक्सपीरियंस है। आग्रह है कि दोबारा जो टेंडर निकला है। उसे रद्द करते हुए मामले की जांच करायी जाये।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version