रांची: रांची जेल में आने के लिए पूरे राज्य के कैदी पैरवी लगा रहे हैं। कुख्यात कैदियों के सिपहसालार सक्रिय हो गये हैं। वे बड़े अधिकारियों और प्रभावी नेताओं के यहां चक्कर काट रहे हैं कि उनके कैदी को संथाल परगना या पलामू से स्थानांतरण करा कर रांची के बिरसा मुंडा कारा में लाया जाये। इसके पीछे कारण यही है कि बिरसा मुंडा कारा को इन दिनों कैदियों के लिए स्वर्ग माना जा रहा है। जेल में आप जहां भी चाहो, घूम-फिर सकते हो। जब चाहो, जहां चाहो फोन पर बात कर सकते हो। यहां जब भी चाहें मुलाकाती आकर कैदियों से मिल सकते हैं। एक तरह से बिरसा मुंडा कारा धर्मशाला बन गया है, जहां कभी भी आया-जाया जा सकता है। आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि यहां मोबाइल पर नियंत्रण के लिए लगा जैमर पूरी तरह से फेल है। वर्ष 2006-07 के समय टू जी नेटवर्क को रोकने के लिए यहां टू जी जैमर लगाया गया था। आज यह काम नहीं करता। यहां कैदियों की गतिविधियों और आने-जाने वालों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे थे। लेकिन आज वे गायब हैं। उनकी नजर किसी पर नहीं पड़ती।
कैदियों के लिहाज से राजधानी के होटवार स्थित बिरसा मुंडा जेल काफी महत्वपूर्ण है। यहां फिलहाल कुल 2726 कैदी बंद हैं। यहां जेल की सुरक्षा अब भगवान भरोसे चल रही है। सूत्रों के अनुसार जेल में बंद कैदी वाट्सएप और फेसबुक आदि का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं। हाल में जेल से छूटे कुछ अपराधियों ने इस बात की पुष्टि भी की है। चूंकि रांची जेल में खूंखार अपराधी बंद हैं, जिनके बाहर आने से शांति व्यवस्था पूरी तरह से भंग हो सकती है। उसके बाद भी जेल की सुरक्षा की ओर किसी को ध्यान नही है।
नहीं हो रही आंतरिक गश्ती, सिर्फ एक असिस्टेंट जेलर मौजूद
जेल के नियम अनुसार रोजाना घंटे-घंटे पर जेल में आंतरिक गश्ती होनी चाहिए थी। आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि अब यह गश्ती सजायाफ्ता कैदियों के जिम्मे है, क्योंकि यहां अधिकारियों की कमी है। रांची जेल में कुल आठ असिस्टेंट जेलर के पद बनाये गये हैं, लेकिन मात्र एक असिस्टेंट जेलर को ही रांची जेल में पदस्थापित किया गया है। यही कारण है कि उम्र कैद की सजा काट रहे कैदियों से सुबह शाम जेल में गश्ती करवा कर बंदियों पर नजर रखी जा रही है।
थ्री जी जैमर लगाने का प्रस्ताव पड़ा है डस्टबीन में
बीते वर्ष जेल की सुरक्षा के मद्देनजर जेल प्रशासन की ओर से सरकार को रांची बिरसा मुंडा कारा में टू जी जैमर को हटा कर थ्री जी जैमर लगाने का प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन उसके बारे में आज तक निर्णय नहीं लिया जा सका है। अब हालत यह है कि लोग थ्री जी छोड़ फोर जी नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई जेलों में छापामारी के दौरान फोर जी फोन पुलिस ने बरामद किया था। अब रांची जेल में फोर जी जैमर की आवश्यकता है, लेकिन यहां तो अब तक थ्री जी जैमर भी नहीं लग सका है। यही कारण है कि अपराधी रांची जेल में आने के लिए मारा-मारी कर रहे हैं।
जैमर लगाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था लेकिन अभी तक उस पर कोई पहल नहीं हुई है। फिलहाल यहां लगा जैमर ठीक से काम नहीं कर रहा है, जिससे काफी मुसीबतें सामने आ रही हैं।
अशोक चौधरी, सुपरिटेंडेंट, बिरसा मुंडा कारा