अजय शर्मा
रांची। राज्यसभा चुनाव 2016 में हॉर्स ट्रेडिंग मामले की जांच तेज हो गयी है। मंगलवार को पुलिस की टीम ने भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, विधायक प्रदीप यादव और झामुमो विधायक चमरा लिंडा से अलग-अलग पूछताछ की। पुलिस ने तीनों से अलग-अलग सवाल किये। इस मामले में तीनों की भूमिका भी अलग-अलग थी। झाविमो के विधायक प्रदीप यादव ने मतदान के पहले यह आशंका व्यक्त की थी कि राज्यसभा चुनाव में गड़बड़ी और हॉर्स ट्रेडिंग भी होगी। बाद में उनकी यह आशंका सच साबित हुई। पुलिस की टीम ने उनसे यह जानने की कोशिश की कि उन्हें पहले से ही ऐसी आशंका क्यों थी। क्या चुनाव से पहले किसी ने उनसे संपर्क किया था। यादव ने उस समय की पूरी जानकारी पुलिस को दे दी है। इस मामले में बाबूलाल मरांडी की भूमिका थोड़ी अलग थी। वह मीडिया के समक्ष एक सीडी लेकर आये थे, जिसमें खरीद-फरोख्त संबंधी बातचीत का आॅडियो था। उसी सीडी से यह मामला खुला था। उनसे यह पूछा गया कि उन्हें रिकॉर्डिंग कहां से मिली, किसने दी थी और क्यों दी थी। मरांडी ने पूछताछ करने गये पुलिस अधिकारियों को बताया है कि रिकॉडिंग पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने उन्हें दी थी और बताया था कि किस तरह से विधायकों को धमकाया जा रहा था। इस मामले में झामुमो विधायक चमरा लिंडा से भी पूछताछ की गयी। लिंडा उस समय भी विधायक थे। वह उस चुनाव में मतदान नहीं कर सके थे। अगर वह वोट दे देते, तो झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन चुनाव जीत जाते। उस समय .25 वोट के अंतर से उनकी हार हुई थी। चमरा लिंडा से पूछा गया कि उनको किसने धमकी दी थी। वह अस्पताल में क्यों भर्ती हुए। विधायक ने बताया कि वह बीमार थे, लेकिन ऐसा भी नहीं था कि मतदान नहीं कर पाते। अस्पताल में पुलिस की टीम आयी थी और वारंट दिखा कर गयी थी। पुलिसवालों ने उनसे कहा था कि अगर वह अस्पताल से बाहर निकले, तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जायेगा। उन पर वर्ष 2013 में सरकारी काम में बाधा डालने और एक आरक्षी को पीटने के आरोप में जगन्नाथपुर थाना में मामला दर्ज था और पुलिस वालों के पास उसी मामले का वारंट था। इस मामले में पुलिस को तीन साल तक कोई सबूत हाथ नहीं लगा था, लेकिन राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले केस को सत्य करार दिया गया था। विधायक के खिलाफ आरक्षी के साथ मारपीट का जो मामला दर्ज है, अब उसके अनुसंधानक से भी पूछताछ होगी। हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में देवेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू सिंह से भी पूछताछ होनी है। पुलिस रांची के पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय से भी पूछताछ कर चुकी है। वह उस चुनाव में पोलिंग एजेंट थे। इसी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और उनके सलाहकार अजय कुमार से भी पूछताछ होगी। अगर और पुख्ता सबूत हाथ लगे, तो चमरा लिंडा का दोबारा बयान लिया जायेगा। हॉर्स ट्रेडिंग का यह मामला जगन्नाथपुर थाना में 2018 में दर्ज हुआ और पुलिस 40 विंदुओं पर इसकी जांच कर रही है।
बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और चमरा लिंडा से पूछताछ
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