अयोध्या: राममंदिर जन्मभूमि विवाद पर शुक्रवार का दिन एतिहासिक रहा। शुक्रवार को 7 साल बाद इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (एससी) में हुई, जिसमें एससी ने कई बड़ी बातों पर गौर करने को कहा है , साथ ही अगली सुनवाई 5 दिसम्बर को तय की है।
राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर शुक्रवार को एससी में सुनवाई की गयी। इस सुनवाई में कोर्ट ने कई चीजों को पूरा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सुनवाई पूरी करने के लिए जो टाइम फ्रेम तय किया गया है उसमें कोई फ़र्क नहीं किया जाएगा और सुनवाई टाली नहीं जा सकेगी। एससी ने इस मामले की अगली सुनवाई 5 दिसम्बर को तय की है।
इसके साथ ही एससी ने इस विवाद से जुड़े दस्तावेज़ के अनुवाद के लिए यूपी सरकार को दस हफ्तों का समय दिया है। कोर्ट ने कहा है कि दिए समय एमिन सभी दस्तावेजों का अंग्रेजी में अनुवाद होना चाहिए। यह दस्तावेज आठ भाषाओँ में मौजूद हैं।
शुक्रवार को हुई इस मामले की एतिहासिक सुनवाई में कोर्ट ने अगली सुनवाई 5 दिसबर तय की है, वहीँ इस मामले पर बीजेपी नेता सुब्रह्मण्य स्वामी ने याचिका दायर कर मांग की थी कि इस मामले पर हररोज सुनवाई हो।
वहीँ राममंदिर विवाद को सुलझाने के लिए पूर्व सीजेआई ने कहा था कि राममंदिर विवाद दोनों पक्ष मिलकर सुलझाएं। वहीँ शुक्रवार को हुई सुनवाई से पूर्व शिया वक्फ बोर्ड ने हलफनामा दायर कर कहा कि बाबरी मस्जिद शिया वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनी है, इस लिए उसे सूना जाना चाहिए। हलाकि आज उसपर कोई सुनवाई नहीं हुई, वहीँ पूरे मामले पर अब अगली सुनवाई 5 दिसम्बर को होगी।