सिल्ली। बच्चे नहीं होने पर भी हिंदू विवाह कानून के तहत दूसरी शादी की इजाजत नहीं है, लेकिन पंचायत प्रतिनिधि ने कानून की आंखों में पट्टी बांधकर चार-चार बच्चे के पिता को शादी-शुदा औरत के साथ शादी करने की फरमान सुना दी। भले ही परिवार में संतान नहीं रहने पर बच्चा गोद लेना सही तरीका है, लेकिन यहां तो भरा-पूरा परिवार है। बावजूद इसके महिला पर दबाव बना कर दूसरी शादी करायी गयी। बताया जाता है कि महिला लोगों से न्याय की गुहार लगाती रही, लेकिन किसी ने एक न सुनी। घटना सिल्ली थाना से महज नौ किमी दूर बांधडीह गांव की है। उल्लेखनीय है कि चार बच्चे के पिता का चाचा ससुर की बेटी, जो पति को छोड़ कर मायके में रहती थी, उसे मधुर संबंध हो गया था, दो दिन पूर्व जीजा ने साली को भगाकर अपने घर ले आया था, लेकिन पहली पत्नी ने दोनों को घर घुसने नहीं दिया। तब दोनों पंसस लोटा के पास पहुंचे। पंचायत ने दोनों को शादी कर लेने की सलाह दी। बताया जाता है कि मामले की जानकारी स्थानीय प्रशासन को थी, परंतु प्रशासन ने इस मामले में हस्तक्षेप करना उचित नहीं समझा। इधर, स्थानीय लोगों की मानें, तो मामला छोटा हो या बड़़ा, पंचायत में एक भी मामला का समाधान नहीं होता है। पंचायत के मुखिया या मुखिया के पति एवं पंसस द्वारा हर मामले की जानकारी प्रशासन को दी जाती है, जबकि यह गंभीर मामला था, बावजूद इसके प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं दी गयी।