रांची। हाइकोर्ट में पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड मामले में आरोपित पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर ने दाखिल याचिका को वापस ले लिया है। इसमें उन्होंने मामले के इंवेस्टिगेशन आॅफिसर की गवाही ट्रायल के दौरान एनआइए कोर्ट में सभी गवाहों की गवाही पूरी होने से पहले करा लिये जाने को चुनौती दी थी। साथ ही अनुसंधानकर्ता की गवाही न मानने का आग्रह किया था।

राजा पीटर की ओर से हाइकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया था कि मामले में एनआइए कोर्ट रांची में ट्रायल चल रहा है, जिसमें अभियोजन की ओर से गवाहों का बयान दर्ज किया जा रहा है। ट्रायल के दौरान मामले के इंवेस्टिगेशन आॅफिसर की। गवाही सबसे अंत में होनी चाहिए थी लेकिन अन्य गवाहों की गवाही पूरी होने के पहले ही अनुसंधानकर्ता की गवाही पूरी करा ली गयी है। मामले में

अनुसंधानकर्ता की गवाही के बाद अब दूसरे अन्य गवाहों का क्रॉस एग्जामिनेशन ठीक से नहीं होगा। इसलिए इंवेस्टिगेशन आॅफिसर की गवाही को ना माना जाये। मामले की सुनवाई के दौरान राजा पीटर की ओर से ही इस याचिका को वापस लेने का आग्रह किया गया, जिस पर कोर्ट ने याचिका वापस लेने की अनुमति प्रदान की।

यह मामला अभी गवाही के स्टेज पर चल रहा है। नौ जुलाई 2008 को पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या बुंडू के स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान नक्सलियों ने गोली मारकर कर दी थी। मामले में पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर और नक्सली कुंदन पाहन समेत कई आरोपित ट्रायल फेस कर रहे हैं।

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