हजारीबाग (आजाद सिपाही)। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड राज्य गरीब है। इस राज्य में सामाजिक सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए थी। राज्य अगल होने के बाद हमारे विपक्षियों ने जो सरकार चलायी, उसमें सामाजिक सुरक्षा में ध्यान ना देकर व्यपारियों की सुरक्षा में लगे रहे। आपको याद होगा 2019 से पहले जब डबल इंजन की सरकार थी। हाथ में राशन कार्ड लेकर भात-भात करके लोग मरता था। कोरोना जैसा महामारी आया सब कुछ बंद हो गया। ऐसे स्थिति में भी हमने एक भी व्यक्ति को भूखा नहीं मरने दिया। हमलोग शुरू से परेशानियों से घिरे रहे है।
राज्य का खजाना खाली था, ऐसे विपरित परिस्थिति में भी राज्य को मजबूती के साथ आगे बढ़ाने का काम हमने किया। भाजपा के लोगों ने 18-20 साल राज किया। ये लोग मेरे पीछे षडयंत्र रचते रहे। झूठा आरोप में इन लोगों ने कोर्ट कचहरी करके मुझे जेल में डाल दिया। वहां 5-6 महीना रहने के बाद आज हम आपके बीच खड़े हैं। ये लोग को लगता है आदिवासी कमजोर और मुर्ख होता है। इन लोगों को लगता है कि ये लोग को डराओ धमकाओं तो कोर्ट कचहरी पुलिस करा दो तो ये लोग कभी आवाज उठा नहीं सकता। लेकिन इनकी गलतफहमी हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने दूर कर दिया। हमारे ऊपर लगे आरोप झूठ निकले और आज हम कोर्ट के आदेश से आपके सामने खड़े हैं। हेमंत सोरेन ने कहा कि यहां के नेताओं से राज्य नहीं संभल रहा है, तो छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, असम से नेताओं को बुलाकर यहां हिंदू-मुस्लिम-सिक्ख-इसाइ-अगड़ा-पिछड़ा करके जहर घोलने का काम कर रहा है।