रांची। राज्य के मनरेगा कर्मियों को अब तक सामाजिक सुरक्षा का लाभ नहीं दिया जा सका है। ग्रामीण विकास विभाग ने प्रस्ताव जरूर बनाया था, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इस पर मंजूरी नहीं मिल पायी है। सामाजिक सुरक्षा के तहत मनरेगा अंतर्गत सृजित पद के विरुद्ध कार्यरत प्रति कर्मी को राज्य सरकार की ओर से दो वर्ष के लिए पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिये जाने का प्रस्ताव है। वहीं, दुर्घटना से मृत्यु के उपरांत उनके वैध उत्तराधिकारी को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराने की योजना है। हालांकि, इसे भी अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है।

बताते चलें कि सूबे के पांच हजार से अधिक मनरेगा कर्मी विगत 22 जुलाई से हड़ताल पर हैं। सेवा स्थायीकरण, सामाजिक सुरक्षा सहित अन्य मांगों को लेकर वे राज्यभर में धरना-प्रदर्शन भी कर रहे हैं। इस वजह से केंद्र प्रायोजित योजना का काम पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। इधर, सरकार ने नियमितीकरण की दिशा में कोई ठोस आश्वासन तो नहीं दिया, पर सामाजिक सुरक्षा का वादा पूरा करने की बात कही। लेकिन अभी तक इसकी भी मंजूरी नहीं मिल पायी है। बता दें कि, झारखंड सरकार के चार साल पूरे होने पर भी ग्रामीण विकास विभाग ने सामाजिक सुरक्षा देने के मसले पर कहा था कि इसकी कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

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