रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार 40 हजार स्कूलों के शिक्षकों को टैब देगी, ताकि वे अपडेट रहें। स्कूलों में शिक्षक नियमित आयें, कक्षाएं नियमित लें और अनुशासन रखें, तो झारखंड को हम अगले 2-3 साल में पूर्ण साक्षर राज्य की श्रेणी में ला सकते हैं। हमारे पास 1.28 लाख शिक्षक हैं। 18 हजार शिक्षकों की और नियुक्ति हो रही है, जिसके बाद डेढ़ लाख शिक्षक हमारे पास होंगे। इस लक्ष्य को पाने के लिए संकल्प, चाहत और जुनून के साथ हमें काम करना होगा। वह मंगलवार को खेलगांव में राज्यस्तरीय शिक्षक समागम के समापन समारोह में बोल रहे थे।
शिक्षा पदाधिकारियों को घर बैठा कर पैसा नहीं देंगे
सीएम ने कहा कि जिला के शिक्षा पदाधिकारियों को भी सरकार घर बैठाकर पैसे नहीं देगी। उनकी जिम्मेवारी भी तय की जा रही है। सभी अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन इमानदारी से करें। प्राचार्य स्कूल को बेहतर बनाने की सोचें। सरकारी स्कूल ऐसे बनें कि नामांकन के लिए होड़ लगे। स्कूलों में आधारभूत संरचना की कमी दूर की जा रही है। आजादी के 70 वर्षों के बाद भी राज्य के 40 हजार में से 7-8 हजार स्कूलों में ही बेंच-डेस्क थे। हमने 28 हजार से ज्यादा स्कूलों में बेंच-डेस्क मुहैया कराया। दिसंबर तक बाकी बचे स्कूलों में भी बेंच डेस्क हो जायेंगे। सीएम ने कहा कि विद्या के मंदिर को शिक्षक एवं छात्र मिल कर साफ रखें। हर स्कूल में लड़के और लड़कियों का अलग-अलग शौचालय हैं। इन्हें स्कूल के शिक्षक आपसी सहयोग से साफ रखें। शिक्षक अपनी तनख्वाह में से थोड़े पैसे निकालकर स्वीपर की मदद से शौचालय को साफ रख सकते हैं। इससे स्कूलों में ड्रॉप आउट दर भी कम होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षक छात्रों को अच्छी शिक्षा दें और छात्र शिक्षकों का सम्मान करें। कुपोषण, बेरोजगारी, नक्सल जैसी समस्याओं का समाधान शिक्षा से ही हो सकता है।
शिक्षक-प्राचार्य सम्मानित
समागम में इस वर्ष शत प्रतिशत परिणाम देनेवाले स्कूल के प्राचार्य और शिक्षकों को सम्मानित किया गया। साथ ही शिक्षक समागम के दौरान हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री नीरा यादव, स्कूली शिक्षा सचिव आराधना पटनायक समेत बड़ी संख्या में विभाग के पदाधिकारी, प्राचार्य, शिक्षक और छात्र उपस्थित थे।