बरकट्ठा। झारखंड में पशु तस्करी को लेकर इन दिनों बवाल मचा है। बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर पशु तस्करी कैसे रूके। एक ओर पुलिस तस्करी किये जा रहे मवेशियों को जब्त करती है, उधर साहबों के फोन के दबाव में उन्हें छोड़ देना पड़ता है।
कुछ ऐसा ही हुअ हजारीबाग के बरकट्ठा थाना क्षेत्र में। बरकट्ठा-गोरहर थानांतर्गत ग्राम बंडासिंघा एनएच 2 के किनारे स्थित एक होटल के समीप से गोरहर पुलिस ने पशु लदे पांच पिकअप वैन को जब्त किया। परंतु देर रात किसी साहब का फोन आया और दबाव में पुलिस को जब्त वाहन पशु समेत छोड़ने पड़े।
जानकारी के अनुसार शनिवार शाम ग्रामीणों ने बंडासिंघा स्थित एनएच 2 के किनारे एक लाइन होटल के बाहर पशुओं से लदे पांच पिकअप वाहन देख कर पुलिस को सूचना दी। पशु तस्करी की भनक लगते ही भीड़ इकट्ठा हो गयी। वाहन चालक और व्यापारियों से पूछताछ करने पर बताया गया कि पशु को भोजपुर और औरंगाबाद से लादकर बोकारो ले जाया जा रहा है। लोगों ने बताया कि क्रूरतापूर्वक 58 मवेशी पिकअप वैन में ठूंसे हुए थे।
पिकअप वाहन बीआर 26 जीए 1217 में 13 पशु, बीआर 26 के 9869 में 12 पशु, बीआर 03के 00122, बीआर 03जीए 3091 और बीआर03 जीए 5627 में क्रमश: 11-11 पशु लदे हुए थे। पुलिस आने से पहले ही अंधेरे का फायदा उठाते हुए एक पिकअप वैन में लदे 10 पशुओं को लेकर कुछ लोग फरार हो गये। मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी आनंदी सिंह ने चोरी हुए आठ पशुओं को बरामद कर लिया।
मवेशी लदे सभी वाहनों को जब्त कर थाना लाया गया। यहां से देर रात सभी वाहनों को छोड़ दिया गया। इस बाबत थाना प्रभारी से पूछे जाने पर बताया गया कि वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर सभी वाहनों को छोड़ा गया। सूत्र बताते हैं कि आये दिन जीटी रोड से पशु तस्करों की दर्जनों गाड़ियां मवेशी लेकर पार होती हैं।