गढ़वा। गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड में विगत 20 अगस्त को थाना का घेराव कर रहे ग्रामीणों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने के मामले में कार्रवाई की गयी है। राज्य सरकार ने सीओ अंगारनाथ स्वर्णकार का तबादला कर दिया है। उन्हें मेराल अंचल कार्यालय से हटा कर भूमि सुधार विभाग रांची में स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं, मेराल थाना प्रभारी लाल बिहारी प्रसाद को पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार झा ने लाइन हाजिर कर दिया है। रंका थाना में पदस्थापित एसआइ नीतीश कुमार को मेराल थाने का नया प्रभारी प्रभारी बनाया गया है।
हत्यारोपित को हिरासत से छोड़ने का मामला
मालूम हो कि मेराल थाना के हासनदाग गांव में नथन चौधरी की हत्या के आरोप में पुलिस ने हिरासत में लिये गये संदिग्ध को थाना से छोड़ दिया था। इसके विरोध में 20 अगस्त को भारी संख्या में ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया था। इसी दौरान पुलिस एवं ग्रामीणों के बीच भिड़ंत हो गयी थी। इस दौरान पब्लिक की ओर से जहां पत्थरबाजी की गयी थी, वहीं पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। पुलिस ने ग्रामीणों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा था। इस दौरान पुलिस ने मेराल बाजार के कई व्यवसायियों सहित राहगीरों की भी पिटाई कर दी थी।
डेढ़ दर्जन लोगों को पुलिस ने भेजा था जेल
पुलिस ने इस घटना में शामिल होने के आरोप में डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इस घटना के विरोध में व्यवसायियों ने 21 अगस्त को अपनी-अपनी दुकानें बंद रखी थीं। पुलिस की इस कार्रवाई से ग्रामीणों में रोष व्याप्त था। ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था।
डीआइजी की जांच रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई
मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर इस मामले की जांच पलामू डीआइजी राजकुमार लकड़ा द्वारा की गयी। डीआइजी ने घटना के दिन मौके पर मौजूद पुलिस पदाधिकारियों, मेराल बीडीओ, सीओ और ग्रामीणों का बयान कलमबद्ध किया। इसके बाद जांच प्रतिवेदन सरकार को सौंपा था। बताया जा रहा है कि डीआइजी की जांच रिपोर्ट के आलोक में मेराल सीओ एवं थाना प्रभारी पर उक्त कार्रवाई की गयी है।