रांची। रघुवर सरकार के पांच पूर्व मंत्रियों की आय से अधिक संपति मामले की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले में एसीबी ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। एसीबी ने अपने जवाब में कई अहम खुलासे किये हैं। एसीबी ने हाइकोर्ट में दिये अपने जवाब में कहा है कि रघुवर दास कैबिनेट की मंत्री लुइस मरांडी ने अपने शपथ पत्र में जो पैन नंबर दिया है, वह सही नहीं है। राज्य सरकार की जांच एजेंसी एसीबी ने गोपनीय तरीके से सत्यापन कर यह जानकारी हाइकोर्ट में दी है। इसके साथ ही पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, नीरा यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा, लुइस मरांडी और रणधीर सिंह के विरुद्ध अलग-अलग पीई दर्ज करने की अनुमति मांगे जाने से संबंधित पत्र भी हाइकोर्ट में दिया गया है।

दरअसल वर्ष 2020 में सोशल एक्टिविस्ट पंकज कुमार यादव ने जनहित याचिका दायर कर पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी, नीरा यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा, लुइस मरांडी और रणधीर सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपति होने का आरोप लगाते हुए एसीबी से जांच की मांग की थी। जुलाई 2023 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट से पांचों पूर्व मंत्रियों के खिलाफ एसीबी जांच की स्वीकृति दी थी। जांच के क्रम में एसीबी ने पूर्व मंत्रियों के खिलाफ हुई शिकायत को सत्य पाया था। हाइकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस की बेंच में इस जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है। जनहित याचिका में जो दस्तावेज कोर्ट में सौंपे गये हैं, उसके मुताबिक पांचों पूर्व मंत्रियों संपत्ति का विवरण इस प्रकार है-

                               2014 में संपत्ति                  2019 में संपत्ति              वृद्धि                   वृद्धि का प्रतिशत

नीलकंठ सिंह मुंडा    1. 46 करोड़                       4.35 करोड़              2।.98 करोड़                 198

अमर बाउरी              7.33 लाख                         89.41 लाख              82.07 लाख                1118

लुइस मरांडी               2.55 करोड़                      9 . 06 करोड़            6 .81 करोड़                303

नीरा यादव                80. 59 लाख                       3.56 करोड़             2.85 करोड़                 353

रणधीर कुमार सिंह       78.92 लाख                    5. 06 करोड़             4. 27 करोड़                541

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