रांची। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओइएफसीसी) ने झारखंड के प्रधान सचिव (वन) को एक पत्र लिखा है, जिसमें राज्य सरकार को महारत्न पीएसयू एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा सड़क मार्ग से कोयले के परिवहन के मामले में कानून के अनुसार कार्य करने का निर्देश दिया गया है। यह सामाजिक कार्यकर्ता मंटू सोनी द्वारा एमओइएफसीसी को की गयी एक शिकायत के जवाब में है। सोनी ने एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा सड़क मार्ग से कोयला परिवहन को रोकने की मांग की है, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और कार्यालय ज्ञापन (इसी) का दुरुपयोग करके महारत्न पीएसयू द्वारा वन मंजूरी चरण 2 और एनबीडब्ल्यूएल की शर्तों का उल्लंघन है। सोनी ने एमओइएफसीसी को अपनी शिकायत में उल्लेख किया है और रेखांकित किया है कि एनटीपीसी जानबूझ कर सड़क और कन्वेयर सिस्टम द्वारा कोयले का परिवहन कर रहा है।

एनटीपीसी का एक और दावा है कि कन्वेयर सिस्टम का निर्माण अधूरा है, वहीं दूसरी ओर वह कन्वेयर सिस्टम से कोयले की ढुलाई भी कर रहा है। वहीं, सर्वोच्च न्यायालय से पर्यावरण शर्त के आधार पर मात्र कुछ सौ मीटर कन्वेयर सिस्टम को पूरा करने में तीन साल लग गये और वन शर्त का उल्लंघन कर कोयला परिवहन कर रहा है। इसके पीछे का कारण कोयले की हेराफेरी बताया जा रहा है, जो खनन विभाग और वन विभाग की जांच में कोयला चालान में भी पकड़ा गया है। मंत्रालय से कहा गया है कि जब तक कन्वेयर सिस्टम नहीं बन जाता, तब तक सड़क मार्ग से कोयला परिवहन की अनुमति दी जाये।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version