रांची। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह (4-6 अक्टूबर) में रांची (झारखंड) को सैफ चैंपियनशिप 2024 (साउथ एशियन फेडरेशन सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप) की मेजबानी करनी है। इसके लिए मोराबादी स्थित फुटबॉल ग्राउंड का निर्धारण भी किया गया है। इतने महत्वपूर्ण आयोजन को लेकर खेल विभाग अपने स्तर से रेस है। झारखंड ओलंपिक संघ भी अपने स्तर से इसमें सहयोग करने को उत्सुक है। दस साल पहले 2013 में यही चैंपियनशिप होटवार, रांची के स्टेडियम में आयोजित हुआ था। मसला यह है कि इस साल के आखिर तक राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। सितंबर के आखिर तक या अक्टूबर के पहले-दूसरे सप्ताह तक चुनाव तिथि की घोषणा के साथ आचार संहिता लगने की संभावना है। ऐसे में मोरहाबादी मैदान में खेल आयोजन की तैयारी और दूसरे स्तर के इंतजामों को लेकर किस तरह से राज्य सरकार मोर्चा संभालेगी, इस पर सबकी नजर है।

साउथ एशियन जूनियर एथलेटिक्स चंैपियनशिप देखने गये खेल निदेशक
अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में रांची में आयोजित (संभावित) होने वाली सीनियर साउथ एशियन एथलेटिक्स चंैपियनशिप के लिए खेल विभाग ने अपने तरीके से तैयारियां शुरू कर दी हैं। तैयारियों के मद्देजनर 11-13 सितंबर तक चेन्नई के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित चौथी साउथ एशियन जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में आयोजित एथलेटिक्स स्पर्द्धा को देखने खेल निदेशक, झारखंड संदीप कुमार चेन्नई गये हैं।

सैफ एथलेटिक्स की खासियत
गौरतलब है कि पिछले दस सालों में दूसरी बार झारखंड को सैफ सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी मिली है। इसमें मेजबान भारत सहित श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल, मालदीव, भूटान और बांग्लादेश जैसे देशों के एथलेटिक्स प्लेयर्स शामिल होंगे। इसके आयोजन के लिए 4 करोड़ का बजट निर्धारित है। खिलाड़ियों और अन्य डेलीगेट्स की संख्या 250 से अधिक होगी। इनके रांची आने, आवासन, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था मुख्य रूप से झारखंड सरकार पर होगी। चुनावी संभावनाओं के बीच मोरहाबादी मैदान में सैफ चैंपियनशिप का आयोजन कई तरह की चिंताएं भी खड़ा कर रहा। आचार संहिता की घोषणा के साथ ही मोरहाबादी मैदान रांची जिला प्रशासन चुनाव संपन्न होने तक अपने कब्जे में चुनावी कार्यों के लिए ले लेता है। यह एक बड़ा मसला है। वैसे मोरहाबादी स्थित फुटबॉल स्टेडियम को नये सिरे से इंटरनेशनल स्पोर्ट्स इवेंट के लिए तैयार करने का भी टास्क खेल विभाग के लिए बड़ी चुनौती होगी।

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