रांची। झारखंड के विभिन्न आदिवासी संगठनों के पदाधिकारियों ने सोमवार को मुख्य पाहन (पुजारी) जगलाल पाहन के नेतृत्व में राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की और उनसे आदिवासी नेता सूर्या नारायण हांसदा की संदिग्ध मुठभेड़ में हुई मौत की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने समेत पांच मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
राज्यपाल के समक्ष रखी गई पांच मांगों में सूर्या हत्याकांड की सीबीआई/न्यायिक जांच कराने, दोषी पुलिस अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई किए जाने, पीड़ित परिवार की सुरक्षा और फर्जी मुकदमों को वापस लेने, बच्चों की शिक्षा और परिवार के लिए जीविकोपार्जन की व्यवस्था करने तथा परिजनों को पर्याप्त आर्थिक मुआवजा दिलाने जैसी बातें शामिल हैं।
ज्ञापन सौंपने के बाद मुख्य पाहन जगलाल पाहन ने कहा कि विगत 10 अगस्त 2025 को गोड्डा पुलिस प्रशासन ने सूर्या हांसदा की हत्या को मुठभेड़ बताकर पेश किया, जबकि यह एक योजनाबद्ध फर्जी मुठभेड़ थी। उन्होंने कहा कि हांसदा लगातार आदिवासियों के हक व अधिकार, भूमि सुरक्षा, शिक्षा और शोषण के खिलाफ आवाज उठाते रहे, जिससे घबराकर उन्हें साजिश के तहत मौत के घाट उतारा गया।
उन्होंने बताया कि राज्यपाल से इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गयी है, जिससे कि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। इस मौके पर ट्राइब फर्स्ट की संयोजक आरती कुजूर ने कहा कि सूर्या हांसदा सच्चे जननायक थे। प्रशासन व माफियाओं की मिलीभगत से उनकी हत्या लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। वहीं केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने इसे मानवाधिकार का गंभीर हनन बताया।
ज्ञापन सौंपने वालों में जगलाल पाहन, बबलू मुंडा, आरती कुजूर, संदीप उरांव, रवि मुंडा, रितेश उरांव, बिरसा पहान, रंजीत उरांव, सत्यदेव मुंडा, सोनी हेमरोम, मुकेश भगत समेत कई अन्य प्रतिनिधि मौजूद थे।