बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना बुरी तरह फ्लॉप हो चुकी है. गरीब और मेधावी छात्रों के सपने, हकीकत में बदलने से पहले ही धराशायी हो चुके हैं. इस योजना के आंकड़े इसके सूरतेहाल को कुछ ऐसा ही बंया कर रहे हैं.
बिहार में कभी एक कहावत बहुत चर्चित थी, ‘आगे-आगे सड़क बने, पीछे से उड़ता जाए’. बिहार की सरकारी योजनाओं का भी कुछ ऐसा ही हाल है. नई-नई योजनाएं बन रही हैं, उऩका खूब प्रचार भी किया जा रहा है. लेकिन पुरानी योजना धरातल पर उतरने से पहले ही धराशायी हो रही है. मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का भी कुछ ऐसा ही हाल है.
- 30 सितंबर तक स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के आंकड़े इस योजना में अब तक आवेदन हुए- 24 हजार 4 सौ 15
- जांच पूरी हुई- 11 हजार 3 तीन सौ 59
- बैंकों को सौंपे गए आवेदन- 10 हजार 2 सौ 42
- स्वीकृत हुए आवेदन- 6 हजार 2 सौ 87
- राशि मिली- 3 हजार 3 सौ 73 ( छात्रों को)
- स्वीकृत राशि- 194.88 करोड़ रुपये
- अब तक बंटी हुई राशि- 30.52 करोड़ रुपये
मतलब ये कि इस योजना के लिए अब तक लगभग 24 हजार छात्रों के आवेदन आए. जबकि राशि मिली मात्र लगभग तीन हजार छात्रों को.
बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा से जब इस योजना को लेकर बात की गई तो उन्होंने इसकी विफलता का ठीकरा बैंकों पर फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि इस योजना को लेकर बैंकों ने अपना काम सही से नहीं किया. अब छात्रों को राशि देने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर निगम गठित करने की तैयारी चल रही हैं.