नीतीश कुमार सृजन सहित अन्य घोटाले से दागी अपनी बदनुमा चेहरे को छुपाने के लिए लगातार इवेंट का प्रयोजन कर झूठी दलील पेश कर रहें हैं. महागठबंधन टूटने के बाद नीतीश कुमार की साख जो मिट्टी में मिली है उसकी भरपाई आने वाले दिनों में दूर दूर तक सम्भव नही है. यह बातें राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा.
राज्य के एनडीए की सरकार पर आरोप लगाते हुए शक्ति सिंह ने कहा कि आज तो सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को यह कहकर राजनीतिक तमाचा मारा, कि 2013 के एनडीए गठबंधन टूटने के बाद बिहार के विकास अवरुद्ध हो गए. क्या नीतीश कुमार इन सवालों का जवाब देंगे या इसे मजबूरन स्वीकार करेंगे. इस गहरे आरोप को स्वीकारना नीतीश कुमार का राजनीतिक साख खत्म होने का प्रमाण है. राज्य की जनता जानती है कि सृजन घोटाला के मुख्य आरोपी नीतीश कुमार और सुशील मोदी है. इनके ही नेतृत्व में संगठित भ्रष्टाचार को जन्म दिया गया. दवा घोटाला, मेधा घोटाला, बियाडा घोटाला, बांध घोटाला जैसे अनेक कृतिमान इनके नेतृत्व में स्थापित किये गए.
नैतिकता की दुहाई देने वाले नीतीश कुमार जी आप तो इस राज्य के अंदर में ढीठई पर उतारू हो गये है. सरकारी तंत्रो का दुरुपयोग कर अपने दल का महिमामंडित कर रहे हैं. 15 अक्टूबर को सिपाही भर्ती परीक्षा में ये सवाल पूछा जाना कि नीतीश कुमार किस राजनीतिक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं ये कौन सी राजनीतिक सुचिता का परिचायक है. राज्य की जनता आप पर लगे घोटाले के आरोपों का तथ्यात्मक बिंदुवार जवाब मांगती है पर आप जुमलेबाजी कर निकलना पसन्द करते हैं. आपके जुमलेबाजी दलील से आपके समर्थक खुश हो सकते हैं पर आवाम नही. आप बखूबी जानते हैं कि दल के समर्थक बुराइयों पर भी पर्दा डालने में पीछे नही हटते. प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान भाजपा के लोगों ने जिस तरह से जलील किया कि मन ही मन आपकी अंतरात्मा आपको कोसती होगी. पर इस बार आपकी अंतरात्मा इतनी मजबूर है कि प्रधानमंत्री के क़सीदे आखँ मूंद कर पढ़ रही हैं. लोग पूछ रहे हैं कि ये कौन सी अन्तरात्मा है नीतीश जी की है. जो ना हिलती है और न डोलती है. लोग निष्कर्ष पर पहुंचे है कि ये आत्मा जलालत स्वीकार आत्मा है.