रांची। आंगनबाडी-सेविका सहायिका अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर शनिवार को राजभवन के समक्ष अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गयीं। धरने में शामिल महिलाओं ने कहा कि पूरे राज्य में आंगनबाड़ी सेविका 38 हजार और सहायिका लगभग 35 हजार हैं। हम 2016 से सरकार से अपना हक मांग रहे हैं। इसके लिए कई बार हड़ताल-प्रदर्शन कर चुके है। सिर्फ आश्वासन ही मिलता आ रहा है, लेकिन इस बार अपने हक के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। कहा कि 8अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक होनेवाली है। इसमें हमारी नियमावली की सभी मांगों को पूरा करना होगा।
23 सितंबर को मोरहाबादी मे रैली बुलायी गयी थी
रांची जिला अध्यक्ष सुमन कुमारी ने कहा कि 8 अक्टूबर 2024 को कैबिनेट की बैठक होगी। इसमें यदि आंगनबाडी-सेविका सहायिका का मांग पूरी नहीं हुई तो घर-घर जाकर वोट बहिष्कार करने को कहा जायेगा। कहा कि 23 सितंबर को मोरहाबादी मे रैली बुलायी गयी थी। इसमें गिरिडीह विधायक पहुंचे थे। 27 सितंबर की कैबिनेट में इसे पारित करने का आश्वासन दिया था, तब रैली को खत्म किया गया था, लेकिन इस बार आश्वासन नहीं चाहिए।
रियाटरमेंट में एक मुश्त दस लाख रुपया दिया जाये
कांके प्रखंड की सुधा लिंडा ने कहा कि 60 साल बाद सभी रिटायर हो जायेंगी। इसके बाद बेरोजगार हो जायेंगी। रियाटरमेंट में एक मुश्त दस लाख रुपया दिया जाये, ताकि हम अपना घर परिवार का भरण पोषण कर सकें। इसके साथ ही काम का पैसा समय मिलना चाहिए। आरोप लगाया कि प्रोत्साहन राशि और जलावन की राशि निश्चित समय पर नहीं मिलती है।
आंगनबाड़ी सेविका को हर माह 25 हजार मिले
रांची जिला कोषाध्यक्ष सीता तिग्गा ने कहा कि वर्तमान सरकार ने 2019 में मांग पूरा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन सरकार मांग पूरा करने से मुकर रही हैं। सरकार धोखा दे रही है। समान काम का समान वेतन में आंगनबाड़ी सेविका को हर माह 25 हजार औऱ सहायिका को 15 हजार रूपया मिलना चाहिए। बोकारो जिले के रेवती देवी ने कहा कि राज्य में सभी आगंनबाड़ी सेविका अनिश्चितकालीन धरना दे रही है। इससे आंगनबाड़ी केद्र बंद हो जायेंगे। इसमें तीन साल से पांच साल तक के बच्चों को पोषण आहार से वंचित होना पडेगा।