रांची। एशिया के पहले आदिवासी कार्डिनल स्व. कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर चैनपुर पल्ली के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि कार्डिनल का पूरा जीवन और उनके विचार, सहिष्णुता, सद्भावना एवं एकजुटता पर आधारित हैं और यही उनके जीवन का मूल मंत्र होने के साथ ही उनके जीवन का संदेश भी है।

उन्होंने कहा कि आज के समय में यह बहुत जरूरी है कि हम सभी बांटनेवाली शक्तियों को अपने से अलग करें और स्वर्गीय कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो के विचारों से अपने-आपको ढाल लें। उन्होंने कहा कि न केवल चैनपुर या गुमला, बल्कि पूरे झारखंड और देश के लिए यह गर्व की बात है कि एशिया के पहले आदिवासी बिशप हमारे अपने हैं और हम सभी के बीच से निकल कर उन्होंने सभी आदिवासियों को गौरवान्वित किया है।

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