रांची। राजधानी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्लम में रहने वाले और बेघरों के लिए 300 और 600 वर्गफुट क्षेत्रफल फ्लैट दी जाएगी। पहले फेज में करीब 15600 फ्लैट बनेगा। वैसे लोग जिनके पास देशभर में कहीं भी अपना घर नहीं है या वैसे लोग जो स्लम में झुग्गी बनाकर रह रहे हैं, उन्हें योजना के वर्टिकल एक और तीन के तहत फ्लैट दिए जायेंगे।
नगर निगम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत फ्लैट बनाएगा। फ्लैट की लागत करीब 8 लाख रुपए आएगी। लेकिन, स्लम में रहने वालों को 1.50 से 2.50 लाख और बेघरों को 5.50 लाख से 6.50 लाख रुपए में फ्लैट दिए जाएंगे। शेष राशि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। रांची नगर निगम ने फ्लैट के लिए आम लोगों से आवेदन मांगा है। आवेदन देने की प्रक्रिया शुक्रवार से शुुरू हो गयी है।
आवेदकों को फ्लैट के लिए आवेदन करने के लिए देश में कहीं भी पक्का मकान नहीं होने का प्रमाण देना होगा। यानी आवेदक को अपने पैतृक जिले के राजस्व पदाधिकारी द्वारा जारी भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र और सालाना 3 लाख रुपए आय का प्रमाण पत्र लाना होगा। जबकि, पहले सिर्फ शपथ पत्र के आधार पर आवेदन किया जा रहा था। वर्ष 2016 और 2017 में जिन लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के दोनों वर्टिकल के लिए आवेदन किया था, उन्हें फिर से ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
जो पैसे नहीं देंगे, उनके फ्लैट की बुकिंग नहीं होगी
आज से आवेदन शुरू है, जब आप आवेदन करेंगे तो निगम उसकी स्क्रूटनी करेगा। कागजात सही पाए गए तब लाभुक का चयन होगा। फिर फ्लैट बुक होगा। चयनित लाभुक को प्रोजेक्ट पूरा होने तक किश्तों में पैसे देने होंगे।
यहां मिल सकते हैं फ्लैट : धुर्वा क्षेत्र में एचईसी की जमीन पर, शहर के अंदर किशोरगंज, हरमू और डोरंडा में स्थित स्लम।
अधिकारियों ने लगाया चूना : फिर देने होंगे आवेदन
2015 के आवेदन रिजेक्ट होने से 5 करोड़ डूबे : गरीबों को पक्का घर देने का सपना दिखाकर अफसरों ने आम लोगों को करोड़ों रुपए का चूना लगाया। वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू हुई थी। राज्यभर के सभी शहरी निकायों से उस समय 1.98 लाख आवेदन जमा हुए थे। शपथ पत्र सहित अन्य कागजात पर एक आवेदक ने करीब 250 रुपए खर्च किए थे। इस तरह लोगों के 5 करोड़ रुपए डूबे। हालांकि, इसमें वर्टिकल चार (जिनकी अपनी जमीन है उनको 2.25 लाख रुपए दिए जा रहे) के तहत 40 हजार घर स्वीकृत किए गए हैं।
बड़ा सवाल : नगर विकास विभाग ने नगरीय निदेशालय को वर्टिकल एक और तीन के तहत घर बनाने की जवाबदेही दी है। राज्यभर में करीब 40 हजार घर का निर्माण कराना है। रांची में 6 माह पहले जोरशोर से जमीन चिन्हित की गई। एचईसी क्षेत्र में करीब 60 एकड़ जमीन देखी गई, लेकिन अभी तक उसका हस्तांतरण नहीं हुआ है। स्लम रि-डेवलपमेंट का प्लान भी कागजों में फंसा है। इसके बावजूद निगम ने लोगों से नए सिरे से आवेदन मांगा है। इस बार भी आवास नहीं बना तो फिर फॉर्म भरने में खर्च होने वाला पैसा डूबेगा।
आवेदन करने के लिए जोड़ी गई नई शर्त, देना होगा भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र : प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पहले भी करीब 21 हजार लोगों ने आवेदन किया था। उस समय सालाना आय और पक्का मकान नहीं होने का शपथ पत्र दिया गया था। लेकिन, अब आवेदक को अपने पैतृक जिला के राजस्व पदाधिकारी (सीओ) द्वारा जारी किया गया भू स्वामित्व प्रमाण पत्र और तीन लाख रुपए का आय प्रमाण पत्र लाना होगा।
कौन कर सकते हैं आवेदन : रांची नगर निगम क्षेत्र में 17 जून 2015 से पहले रहने वाले वैसे लोग, जिनका देश में कहीं भी पक्का घर नहीं है और स्लम में झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। कट ऑफ डेट से पहले रहने का प्रमाण के लिए वोटर आईकार्ड की कॉपी देनी होगी।
कितने देने होंगे पैसे : स्लम में रहने वालों को 1.50 लाख से 2.50 लाख तक देना होगा। जबकि, बेघरों को 4.50 लाख से 5.50 लाख रुपए देने होंगे।
ये होंगी शर्तें
लाभुक के परिवार में पति,पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल होंगे। सभी का आधार होना जरूरी है।
आवेदन या परिवार के नाम पर देश में कहीं भी पक्का मकान नहीं होना चाहिए।
परिवार के सदस्यों की सालाना आय अधिकतम तीन लाख रुपए होना चाहिए।
पीएम आवास योजना वाले आवेदन नहीं कर सकते ।
ये कागजात देने होंगे
आवेदक और परिवार के सदस्यों का मतदाता पहचान पत्र और आधार की स्व अभिप्रमाणित फोटो कॉपी
आवेदक का तीन फोटो और पासबुक की फोटो कॉपी आिद देना होगा।