रांची। केंद्रीय कृषि बिल के विरोध में किसानों के चक्का जाम आंदोलन का राज्य में आंशिक असर रहा। चक्का जाम आंदोलन झारखंड राज्य किसान सभा के बैनर तले किया गया। कुछ ग्रामीण इलाकों को छोड़ राज्य में यह लगभग असरहीन रहा। केंद्रीय किसान समन्वय समिति की ओर से विरोध कार्यक्रम निर्धारित किये गये हैं।
11 जिलों में चक्का जाम किया, वहीं 10 जिलों में निकाला मार्च
झारखंड राज्य किसान सभा की मानें तो जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक विरोध किया गया। इस दौरान हाइवे में चक्का जाम तो नहीं, लेकिन ग्रामीण इलाकों और प्रखंड या जिला मुख्यालयों में मार्च किया गया। सभा के महासचिव सुरजीत सिन्हा ने बताया कि 11 जिलों में चक्का जाम किया गया। वहीं 10 जिलों में मार्च निकाला गया। रांची के सटे तुपुदाना, राहे, बुंडू, सोनाहातु में ग्रामीणों ने मार्च निकाला गया और सड़क जाम किया गया। वहीं, जामताड़ा के कुड़हीत, नाला, दुमका, गोमिया, साहेबगंज, बरहरवा, पाकुड़, महेशपुर, गुमला, राजमहल और गोड्डा में बिल का विरोध किया गया। बता दें कि दुमका और बेरमो में आचार संहिता लागू होने के कारण इन इलाकों में विरोध प्रदर्शन नहीं किये गये।
16 से 23 नवंबर तक चलेगा अभियान
सभा के महासचिव सुरजीत सिन्हा ने बताया कि केंद्रीय विरोध अभियानों के अनुसार 16 से 23 नवंबर तक अलग अलग कार्यक्रम किये जायेंगे। इन कार्यक्रमों के जरिये कृषि बिल का विरोध किया जायेगा। इस दौरान पदयात्रा, साइकिल यात्रा, मार्च आदि निकाले जायेंगे। 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल होगी। 27 नवंबर को नयी दिल्ली में संसद मार्च किया जायेगा।
केंद्रीय कृषि बिल के विरोध में किसानों के चक्का जाम का आंशिक असर
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