Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Monday, June 16
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Breaking News»प्रधानमंत्री का जी-20 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में युद्ध विराम का रास्ता खोजने का आह्वान
    Breaking News

    प्रधानमंत्री का जी-20 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में युद्ध विराम का रास्ता खोजने का आह्वान

    azad sipahiBy azad sipahiNovember 15, 2022No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    बाली/नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दुनिया को कूटनीति के माध्यम से यूक्रेन में युद्ध विराम का रास्ता खोजना होगा। प्रधानमंत्री ने सम्मेलन के खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा सत्र में जलवायु परिवर्तन, कोविड महामारी और यूक्रेन घटनाक्रम से जुड़ी वैश्विक समस्याओं का जिक्र किया।

    उन्होंने इन समस्याओं का हवाला देते हुए ऐसे चुनौतीपूर्ण वैश्विक वातावरण में जी-20 को प्रभावी नेतृत्व देने के लिए इंडोनेशिया को बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन सभी समस्याओं ने मिल कर विश्व मे तबाही मचा दी है। वैश्विक आपूर्ति शृंखला तहस-नहस हो गई है। पूरी दुनिया में जीवन के लिए जरूरी चीजें और आवश्यक वस्तुओं का संकट है। हर देश के गरीब नागरिकों के लिए चुनौती अधिक गंभीर है। वे पहले से ही रोजमर्रा के जीवन से जूझ रहे थे। उनके पास दोहरी मार से जूझने की आर्थिक क्षमता नहीं है।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें इस बात को स्वीकार करने से भी संकोच नहीं करना चाहिए कि यूएन जैसी मल्टीलैटरल संस्थाएं इन मुद्दों पर निष्फल रही हैं। और हम सभी इनमें उपयुक्त सुधार करने में भी असफल रहे हैं। उन्होंने कहा- “आज जी-20 से विश्व को अधिक उम्मीदें हैं। हमारे समूह की प्रासंगिकता अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।” उन्होंने यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजने पर जोर दिया।

    उन्होंने कहा कि पिछली शताब्दी में दूसरे विश्व युद्ध ने विश्व में कहर ढाया था। उसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति की राह पकड़ने का गंभीर प्रयत्न किया। अब हमारी बारी है। मोदी ने कहा कि कोविड के बाद की अवधि के लिए एक नई विश्व व्यवस्था बनाने का दायित्व हमारे कंधों पर है। विश्व में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्प दिखाना समय की मांग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि जब अगले साल बुद्ध और गांधी की पवित्र भूमि पर जी-20 की बैठक होगी, तो हम सभी सहमत होकर विश्व को शांति का एक मजूबत संदेश देंगे।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान भारत ने अपने 1.3 बिलियन नागरिकों की फूड सिक्यूरिटी सुनिश्चित की। साथ ही अनेकों जरूरतमंद देशों को भी खाद्यान्न की आपूर्ति की। फूड सिक्यूरिटी के संदर्भ में उर्वरक की वर्तमान किल्लत भी एक बहुत बड़ा संकट है। आज की उर्वरक की कमी कल की फूड क्राइसिस है, जिसका समाधान विश्व के पास नहीं होगा। हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की सप्लाई चेन को स्थिर और आश्वास्त रखने के लिए आपसी सहमति बनानी चाहिए। भारत में टिकाऊ फूड सिक्यूरिटी के लिए हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं और मिलेट्स जैसे पौष्टिक और पारंपरिक खाद्यान्न को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं। मिलेट्स से वैश्विक मैल्नूट्रिशन और हंगर का भी समाधान हो सकता है। हम सभी को अगले वर्ष अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष जोर-शोर से मनाना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा वैश्विक विकास के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए और ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के लिए प्रतिबद्ध है। 2030 तक हमारी आधी बिजली नवीकरणीय स्रोतों से उत्पन्न होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि समावेशी ऊर्जा संक्रमण के लिए विकासशील देशों को समयबद्ध और किफायती वित्त और प्रौद्योगिकी की सतत आपूर्ति आवश्यक है। भारत की जी-20 प्रेसीडेंसी के दौरान हम इन सभी मुद्दों पर वैश्विक सहमति के लिए काम करेंगे।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का रांची में स्वागत, उलिहातु रवाना
    Next Article राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची उलिहातू , प्रतिमा को नमन कर दी श्रद्धांजलि
    azad sipahi

      Related Posts

      पंचायत सेवक खुदकुशी मामले में जांच का आदेश, डीसी ने जांच कमेटी का किया गठन

      June 15, 2025

      भूमि विवादों के समाधान को लेकर सोशल मीडिया से शिकायत भेजें लोग : मंत्री

      June 15, 2025

      पंचायत सेवक ने बीडीओ सहित चार लोगों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाकर की खुदकुशी

      June 15, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • पंचायत सेवक खुदकुशी मामले में जांच का आदेश, डीसी ने जांच कमेटी का किया गठन
      • भूमि विवादों के समाधान को लेकर सोशल मीडिया से शिकायत भेजें लोग : मंत्री
      • केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसे में जयपुर के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल पायलट की मौत
      • पंचायत सेवक ने बीडीओ सहित चार लोगों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाकर की खुदकुशी
      • स्लम बस्तियों में पुस्तक पढ़ने की संस्कृति को जगा रही है संस्कृति फाउंडेशन
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version