रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि भाजपा सभी प्रकार की राजनीतिक मर्यादाओं को ताक पर रख कर अपनी सुविधा और स्वार्थ के अनुसार धर्म-जाति, अमीर-गरीब जैसे कार्ड खेलती है। श्री तिर्की ने कहा कि चुनावी शतरंज की बिसात बहुत अधिक महत्वपूर्ण है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संवैधानिक पद पर हैं और उन्हें जन भावनाओं और सच का भी ख्याल रखना चाहिए।
श्री तिर्की ने कहा कि राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर खूंटी में आयोजित सरकारी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों को पुचकारने और दुलारने का अभिनय बहुत बढ़िया तरीके से किया। भाजपा का मीडिया मैनेजमेंट भी अच्छा था और उन्होंने संपूर्ण विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस के माथे पर 75 साल की अनेक नाकामियों को डाल दिया, जो पूरी तरीके से न केवल तथ्यात्मक, बल्कि भावनात्मक दृष्टिकोण से भी गलत है।
श्री तिर्की ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से स्वयं को आदिवासियों का हितैषी साबित करते हैं, लेकिन वास्तविकता यही है कि मणिपुर में लंबे समय से आदिवासियों के ऊपर हो रहे अत्याचार और गृह युद्ध के बाद भी उन्होंने अब तक एक बार भी मणिपुर का दौरा नहीं किया। इसके अतिरिक्त भाजपा शासित प्रदेशों में आदिवासियों के ऊपर हो रहा अत्याचार किसी से भी छुपा हुआ नहीं है। श्री तिर्की ने कहा कि पिछले साल जुलाई में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भी भाजपा ने राष्ट्रपति जैसे मर्यादित और संवैधानिक पद को जातिगत दायरे में बांध दिया और यही कारण है कि दिसंबर 2022 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 27 में से 23 सीटों पर जीत मिली, जबकि पहले उसे इनमें से केवल 10-11 मिलती थीं।
श्री तिर्की ने कहा कि भाजपा हमेशा से धर्म और जाति की राजनीति करती आयी है और राजस्थान चुनाव प्रचार अभियान में भी वह ऐसा ही कर रही है। उन्होंने कहा कि अपनी इसी स्वार्थी राजनीति के तहत खूंटी में 15 नवंबर को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस पर जिस शासकीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, उसका एकमात्र उद्देश्य मध्यप्रदेश की 230 और छत्तीसगढ़ की बाकी बची 70 सीटों के साथ ही राजस्थान की 200 सीटों पर आदिवासी मतदाताओं को अपने पक्ष में आकर्षित करना था।