-अभियान में दो लाख 85 हजार सखी मण्डल की ग्रामीण महिलाओं की भूमिका रहेगी अहम
रांची। घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए विशेष तौर पर नई चेतना अभियान 22 दिसंबर तक संचालित होगा। इसकी शुरूआत शनिवार से हो गयी है। झारखंड में इस अभियान के संचालन में ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड (जेएसएलपीएस) की भूमिका अहम होगी। पिछले वर्ष भी केंद्र की पहल पर 25 नवंबर से 23 दिसंबर तक इसका आयोजन किया गया था।
एक बार फिर महिला हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने और लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ग्रामीण विकास मंत्रालय (केंद्र सरकार) द्वारा ‘नई चेतना’ अभियान का शुभारंभ 25 नवंबर से किया गया है। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने सुषमा स्वराज भवन, दिल्ली में दीप प्रज्जवलित कर लिंग आधारित हिंसा के विरुद्ध राष्ट्रीय अभियान ‘नई चेतना’ के उद्घाटन समारोह का शुभारंभ किया। इस अभियान का आयोजन देश भर में 25 नवंबर से 22 दिसंबर तक किया जाना है।
जेएसएलपीएस के अनुसार झारखंड राज्य में उसके द्वारा गांव एवं पंचायत स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान लोगों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा। इसमें दो लाख 85 हजार सखी मण्डल की ग्रामीण महिलाओं की भूमिका अहम रहेगी। एसएचजी के माध्यम से करीब 33 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं। अभियान के दौरान राज्य भर में विशेषकर गांवों में नुक्कड़ नाटक, रैली का आयोजन होगा।अवेयरनेस के लिए पेंटिंग और अन्य प्रतियोगिता होंगे। चर्चा परिचर्चा का आयोजन होगा। बैनर, पोस्टर के माध्यम से जागरुकता लाने का प्रयास होगा।
नई चेतना अभियान के दौरान जेएसएलपीएस के द्वारा संचालित जेंडर जस्टिस सेंटर की भी मदद ली जायेगी। इस सेंटर के जरिये घरेलू हिंसा, डायन कुप्रथा, मानव तस्करी आदि की शिकार महिलाओं को न्याय दिलाये जाने का काम शुरू हुआ है। जेंडर जस्टिस सेंटर महिला थाना एवं अन्य सरकारी समर्थक तंत्रों के साथ जुड़कर महिलाओं को न्याय दिलाने में सहयोग करता है।
राज्य के 12 जिलों बोकारो, दुमका, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, खूंटी, लातेहार, पलामू, रांची, सिमडेगा एवं पश्चिम सिंहभूम में कुल 55 सेंटर कार्यान्वित हैं। अबतक इनमें 549 मामले आए हैं। इनमें घरेलू हिंसा के अलावे बाल यौन उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न, दहेज, मानव तस्करी, बाल विवाह एवं डायन कुप्रथा से संबंधित केस हैं जिन पर सेंटर के सदस्यों के द्वारा उचित कार्रवाई की गयी है।