पटना पटना के गांधी मैदान में गुरुवार को हुए भव्य समारोह में नीतीश कुमार ने 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर नया इतिहास रच दिया. एनडीए की आठवीं सरकार के गठन के साथ ही 26 सदस्यीय कैबिनेट का ऐलान भी हो गया. जिसमें भाजपा, जेडीयू, लोजपा (रामविलास), हम और रालोमो सभी पार्टियों को प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है. इस बार का मंत्रिमंडल जातीय, क्षेत्रीय और राजनीतिक समीकरणों का संतुलित मिश्रण माना जा रहा है.

नीतीश कैबिनेट में 26 चेहरे

  • मुख्यमंत्री- नीतीश कुमार (जेडीयू)
  • उपमुख्यमंत्री- सम्राट चौधरी (बीजेपी)
  • उपमुख्यमंत्री- विजय कुमार सिन्हा (बीजेपी)

जेडीयू कोटे से 8 मंत्री

  • विजय कुमार चौधरी
  • बिजेंद्र प्रसाद यादव
  • श्रवण कुमार
  • अशोक चौधरी
  • लेशी सिंह
  • मदन सहनी
  • सुनील कुमार
  • मोहम्मद जमा खान

बीजेपी कोटे से 14 मंत्री

  • मंगल पांडेय
  • दिलीप जायसवाल
  • नितिन नवीन
  • रामकृपाल यादव
  • संजय सिंह टाइगर
  • अरुण शंकर प्रसाद
  • सुरेंद्र मेहता
  • नारायण प्रसाद
  • रमा निषाद
  • लखेंद्र कुमार रौशन
  • श्रेयसी सिंह
  • प्रमोद कुमार

लोजपा (रामविलास) कोटे से 2 मंत्री

  • संजय कुमार
  • संजय कुमार सिंह

हम (सेक्युलर) कोटे से 1 मंत्री

  • मांझी के बेटे संतोष सुमन

रालोमो कोटे से भी एक मंत्री

  • उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश जो सदन के सदस्य नहीं हैं. जल्द ही विधान परिषद के जरिए भेजे जाने की तैयारी है.

इस कैबिनेट की 5 बड़ी बातें

  • सबसे बड़ी हिस्सेदारी बीजेपी की, 14 मंत्री शामिल किए गए.
  • जेडीयू के पुराने भरोसेमंद चेहरे जैसे विजय चौधरी, बिजेंद्र यादव और अशोक चौधरी फिर प्रमुख भूमिका में हैं.
  • कुशवाहा और मांझी की ताकत बढ़ी, दोनों के बेटे- दीपक प्रकाश और संतोष सुमन मंत्रिमंडल में शामिल.
  • चिराग पासवान का कद बढ़ा, लोजपा (आर) के दो नेताओं को मंत्री बनाया गया.
  • अनुभव और युवा दोनों का संतुलन, रामकृपाल यादव जैसे अनुभवी और श्रेयसी सिंह जैसे युवा चेहरे साथ में.
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