रांची। मोरहाबादी मैदान में कड़ाके की ठंड और धारा 144 के उल्लंघन के डर के साये में आरक्षी बहाली की अंतिम मेरिट लिस्ट निकालने के लिए अभ्यर्थी डटे हैं। मोरहाबादी मैदान के वापू वाटिका के पास 30 नवंबर से लगातार धरना देने के बाद भी जब उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, तो 10 दिसंबर से उनकी भूख हड़ताल भी शुरू हो गयी है। लेकिन अब भी उनकी झोली खाली है।
राज्य सरकार के स्तर पर उनसे कोई वार्ता नहीं हुई है। अभ्यर्थी बताते हैं कि 19 दिसंबर की रात नौ बजे जिला प्रशासन ने उन्हें जबदस्ती मोरहाबादी मैदान से हटाना चाहा था। पुलिस की दो गाड़ियां उनके धरना स्थल पर पहुंची थीं, धारा 144 का हवाला देते हुए उनके टेंट उखाड़ दिये, टेंट, कंबल आदि को वाहनों में लाद दिया गया। इसी क्रम में वीडियो रिकॉर्डिंग करने वाली अभ्यर्थी के मोबाइल पर पुलिस का डंडा चला, जिससे उसका मोबाइल क्षतिग्रस्त हो गया था। उनके बैनर को फाड़ दिया गया, लेकिन मौके पर मीडियाकर्मियों के पहुंचने पर पुलिसिया कार्रवाई अचानक रुक गयी और उन्हें हटाने आये पुलिसकर्मी वापस लौट गये। धरना दे रहे अभ्यर्थी कहते हैं कि धारा 144 सिर्फ धरना स्थल से उन्हें हटाने के लिए लगायी गयी है। 18 दिसंबर की सुबह छह बजे से जिला प्रशासन ने मोरहाबादी मैदान में धारा 144 लगायी, उसके दूसरे दिन 19 दिसंबर को मोरहाबादी मैदान में सब्जी बाजार पूरी तरह लगा था, उसे पुलिस ने नहीं हटाया। प्रतिदिन मोरहाबादी मैदान में सैकड़ों लोग सैर सपाटे के लिए पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें कोई कुछ नहीं कहती है। उनके धरना स्थल के ठीक बगल मेें लातेहार में होमगार्ड में चयनित अभ्यर्थी ट्रेनिंग कराने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं, उन्हें जिला पुलिस कुछ नहीं कह रही है। लेकिन जब आरक्षी बहाली के रिक्त पदों को भरने के लिए आंदोलन चल रहा है, तो जिला प्रशासन के तेवर कड़े हैं। धारा 144 लगी है, तो सभी के लिए है, फिर सिर्फ एक धरनास्थल को ही क्यों टारगेट किया जा रहा है। दरअसल, झारखंड में 7272 आरक्षी के पदों के लिए वर्ष 2015 में झारखंड स्टाफ सलेक्शन कमीशन ने विज्ञापन निकाला था। इसे लेकर 31 जनवरी 2016 को प्रारंभिक परीक्षा(पीटी) ली गयी, पीटी में सफल अभ्यर्थियों की मुख्य परीक्षा(मेंस) 25 सितंबर 2016 को हुई थी। मेंस में सफल अभ्यर्थियों का फिजिकल और मेडिकल टेस्ट कराकर उनके दस्तावेजों का सत्यापन कराया गया था। पहली मेधा सूची में 7272 पदों के विरुद्ध मात्र 4792 का नाम निकाला गया था। इसके बाद से अबतक विज्ञापन में निर्धारित पद के रिक्त रहने के बाद भी अंतिम मेधा सूची नहीं निकाली जा रही है। धरना दे रहे अभ्यर्थी खुद को पीटी, मेंस, फिजिकल और मेडिकल टेस्ट, दस्तावेजों के वेरिफिकेशन में सफल बता रहे हैं। अब उनकी मांग है कि अंतिम मेधा सूची जारी की जाये।
धरना पर बैठे मनीष कुमार, सुशील कुमार शर्मा, उमेश यादव, राजू चंद्रवंशी, लक्ष्मण मंडल, विकास गुप्ता, वैभव कुमार दुबे, प्रवीण कुमार शर्मा, शशिकांत तिवारी, दीपक दुबे, राजेंद्र मोदक, अर्पण एक्का, हयात आलम, राजीव केरकेट्टा, सोनू कुमार, सतीश कुमार वर्मा, बजरंग रवानी, मुकेश यादव आदि अभ्यर्थी कहते हैं कि जबतक राज्य सरकार की ओर से अंतिम मेधा सूची निकालने संबंधी लिखित आश्वासन उन्हें नहीं मिलेगा, वे अनिश्चितकालीन धरना और भूख हड़ताल पर डटे रहेंगे।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version