जिस राज्य में हजारों मामले डीएसपी के सुपरवीजन की प्रतीक्षा में थानों में महीनों-सालों पड़े हैं, वहां साहिबगंज का एक डीएसपी हेमंत सोरेन जी के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को केस से बचाने के लिये 24 घंटे के भीतर सुपरवीजन कर लेता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, क्या आप अब भी ऐसे अफसरों पर कार्रवाई नहीं करेंगे? गृह मंत्री की हैसियत से पुलिस की ऐसी अराजकता को रोकने की जिÞम्मेदारी से आप कैसे बच सकते हैं? अब भी चेतिये, खुद को बचाने के लिये ही सही, कुछ कीजिये वर्ना ऐसे सारे काले कारनामों की सजा आपको भी मिलेगी। मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम पर 22 जून 2020 को केस हुआ, अगले दिन दोनों को पुलिस ने क्लीनचिट दे दी। झारखंड में दसं-दस साल से अनुसंधान लटकाये रखने वाले काबिल पुलिस अफसर, काश इतनी ही तेजी से आम लोगों से जुड़े केस में भी अनुसंधान करते तो कईयों का भला हो जाता। कुछ बेईमान-लूटेरे पुलिसवालों को हंसेड़ी बना कर गंध मचाने वाले अपने गुर्गे को बचाने और विरोध में आवाज उठाने वालों लोगों को फंसाने की ऐसी ही जल्दबाजी एक दिन आपके गले की फांस बनेगी हेमंत सोरेन जी। मेरी इस बात को डायरी में नोट कर रख लीजियेगा, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां सबक लेगी। (लेखक : भाजपा विधायक दल के नेता हैं।)

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