- लशिक्षाविदों ने कार्यक्रम में मुक्त कंठ से की वाइबीएन विश्वविद्यालय की तारीफ
- लविश्वविद्यालय परिसर, विभिन्न संकाय, प्रबंधन, संसाधनों को उच्च स्तरीय बताया
डॉ कमलेश कुमार
रांची (आजाद सिपाही)। नामकुम रांची के राजाउलातू में स्थित वाइबीएन विश्वविद्यालय में शुक्रवार को ख्यातिप्राप्त, लब्धप्रतिष्ठ शिक्षाविदों का एक मंच पर समागम हुआ। अवसर था वाइबीएन विश्वविद्यालय में 9 दिसंबर से 16 दिसंबर तक आठ दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस का। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर दिग दिगंतर के विद्वतजनों, शिक्षाविदों, गुणी शोधार्थियों का साक्षी बना। कार्यक्रम के उद्घाटन संबोधन में विश्वविद्यालय कुलपति (प्रभार) प्रो डॉ एसपी यादव ने सभी का आभार प्रकट किया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सापेक्ष में बहुआयामी प्रयास के तहत अनुसंधान और नवाचार को प्राथमिकता देने पर प्रकाश डाला। इस राष्ट्रीय कांफ्रेस में विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी विश्वविद्यालय के नामचीन स्तंभ के रूप में लब्धप्रतिष्ठ विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और सुझाव साझा किये। इसमें आइआइआइटी के निदेशक प्रो विष्णु प्रिये, सरला बिरला विश्वविद्यालय के वीसी प्रो गोपाल पाठक, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन प्रो अशोक कुमार घोष, मुख्य अतिथि श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के वीसी प्रोफेसर डॉक्टर तपन कुमार शांडिल्य, बिहार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन प्रोफेसर डॉ अशोक कुमार घोष, आइसीएफएआइ दीमापुर के प्रोफेसर डॉक्टर अरुण कुमार वर्मा, एआइएसइसीटी हजारीबाग के वीसी प्रोफेसर डॉ प्रमोद कुमार नायक, मिलेनियम गु्रप के निदेशक प्रोफेसर डॉ आर एन एस यादव, रिम्स के पूर्व प्रोफेसर डॉक्टर एमएस भट्ट, एमसीएस पटना के डॉ अरुण कुमार, साइंटिस्ट एमसीएस पटना के डॉक्टर एमडी अली, भून सी बायोसाइंस प्रा लि रांची के निदेशक डॉ दीपक कुमार, सीयूजे के असिस्टेंट प्रोफेसर केमिस्ट्री डॉ अरविंद लाल, आरोग्य भारती झारखंड के राज्य सचिव डॉक्टर डीएन तिवारी, उषा मार्टिन रांची के वरीय उप महाप्रबंधक डॉक्टर मयंक मुरारी, एनआइ आॅफ एडवांस मैनेजमेंट रांची के एसोसिएट डीन प्रोफेसर डॉक्टर घनश्याम दास और आरजीयूएचएस कर्नाटक के प्रोफेसर दिवाकर गोली ने अपने बहुमूल्य व्याख्यान तथा शोध अनुभवों को साझा किया। कांफ्रेंस में उपस्थित अधिकांश शिक्षाविदों का जोर पर्यावरणीय समस्या और उसके समाधान पर था। उन्होंने नयी शिक्षा नीति की विशेषताओं पर भी प्रकाश डाला। इनके अतिरिक्त रिसर्च इनोवेशन एवं सतत वृद्धि को साकार करते हुए वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी प्रोफेसर एसपी सिंह ने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर जोर दिया।
इस अवसर पर विज्ञान संकाय की तरफ से पीएचडी शोधार्थियों ने अपने-अपने शोध पत्र को प्रस्तुत किया। शोधार्थियों की तरफ से ओरल एवं पोस्टर प्रजेंटेशन की प्रस्तुति की गयी तथा सर्व प्रेषक वक्ता एवं पोस्टर निर्माता को भी सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय कांफ्रेस के प्रथम दिन का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर कांफ्रेंस संचालक डॉ ब्रजेश कुमार सिंह, डॉ आशीष सरकार, वाइबीएन विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी इ. दीपक कुमार, प्रबंधन समिति, फैकल्टी स्टाफ सहित सभी विद्यार्थी का सक्रिय सहयोग रहा।
इस अवसर पर कांफ्रेंस संयोजक डॉ ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि इस कांफ्रेंस के वैसे प्रतिभागी, जो अपने-अपने शोधपत्र प्रस्तुत कर रहे हैं, उनका शोध आलेख आइएसएसएन युक्त जर्नल में प्रकाशित होगा, साथ ही प्रतिभागी को बारकोड युक्त प्रमाण पत्र प्रदान किये जायेंगे। मौके पर वाइबीएन विश्वविद्यालय के चांसलर बैद्यनाथ यादव, चेयरमैन रामजी यादव, मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंजीनियर दीपक कुमार, कुलपति प्रोफेसर डॉ एसपी यादव, कुलसचिव प्रोफेसर डॉ श्रीरमन दुबे, उप कुलसचिव संजय तिवारी के अलवा सभी संकाय के डीन एवं छात्र-छात्राएं मुख्य रूप से उपस्थित थे।