आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। पारा शिक्षकों को झारखंड हाइकोर्ट से करारा झटका लगा है। पारा शिक्षकों को स्थायी करने और सहायक शिक्षक के अनुरूप वेतन देने के मामले में दायर याचिका खारिज कर दी गयी है। मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सरकार की दलील को सही ठहराया है। कोर्ट ने माना कि यह मांग उचित नहीं, इसलिए उन्होंने पारा शिक्षक की याचिका खारिज कर दी।
गौरतलब है कि पारा शिक्षकों ने स्थायी करने और सहायक शिक्षक के अनुरूप वेतन देने संबंधित याचिका हाइकोर्ट में दायर की थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि वे 15 सालों से ज्यादा से पारा शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं। वे बखूबी अपना काम कर रहे हैं। वे इस पद की अहर्ता रखते हैं, इसलिए उनकी इस पद पर स्थायी नियुक्ति की जाये। वे अन्य शिक्षकों के बराबर काम करते हैं, इसलिए उन्हें भी समान काम के लिए समान वेतन मिलना चाहिए। उन्हें भी सहायक शिक्षक की तरह वेतन मिलना चाहिए। वहीं सरकार की ओर से कहा गया था कि यह उचित नहीं है। यह नहीं दिया जा सकता है। इस मामले में करीब 111 याचिकाएं दायर की गयी थीं। अदालत ने पिछले दिनों सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाइकोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया।

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