कोडरमा । नई दिल्ली-हावड़ा रूट के ग्रैंडकॉर्ड सेक्शन, सीआइसी सेक्शन के बाद 7 दिसंबर 2016 को तीसरे विकल्प के रूप में जुड़ा। इसकी सांतवी वर्षगांठ बुधवार कोे शुरू होगी। 7 वर्ष के कार्यकाल में इस खंड के अंतर्गत बानादाह एवं कटकमसांडी से कोयला लदान में धनबाद रेल मंडल काफी छलांग लगायी है। प्रतिमाह लगभग 400 रैक देश के विभिन्न राज्यों के लिए भेजी जाती है। माल ढुलाई के साथ-साथ आने वाले इन दिनों अंदर गिरिडीह से रांची सीधा यात्री ट्रेन भी शुरू हो गयी है और इसके साथ ही पटना से रांची के बीच वंदे भारत हाई स्पीड ट्रेन का परिचालन सप्ताह में 6 दिन मंगलवार को छोडकर हो रहा है। इससे लोगों को तीसरा विकल्प भी मिल गया है। इधर, धनबाद रेल मंडल अंतर्गत ग्रैंडकॉर्ड सेक्सन का मंगलवार को 117 वर्ष पूरा होगा। छह दिसंबर 1906 को गया-धनबाद रेल खंड पर पहली बार वाष्प इंजन की ट्रेन चलाई गई थी। ग्रैंड कार्ड रेलवे के शुभारंभ का मुख्य समारोह 6 दिसंबर 1906 को गझंडी रेलवे स्टेशन पर हुआ था। तत्कालीन वायसराय अर्ल मिटो ने गझंडी में एक रेल ज्वाइंट में फिश-बोल्ट रखकर उसे एक सिल्वर स्पैनर से जकड़कर इसकी औपचारिक शुरूआत की थी। करीब 281 मील लंबी इस रेल लाइन के निर्माण में उस समय लागत 4.15 करोड़ आई थी। वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद इस रेलखंड का विस्तार तेजी से किया गया। आज यह देश को सर्वाधिक राजस्व देने वाला सेक्सन साबित हो रहा है, जिसमें सर्वाधिक कर्मचारी और अधिकारी कार्यरत थे। 6 दिसंबर 1906 में तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड मिटो के द्वारा इस सेक्सन पर भाप इंजन की ट्रेन चलायी गयी थी। इससे संबंधित जानकारियां भी गझंडी स्टेशन में लगे शिलापट्ट में है।
वहीं दूसरा रेल खंड कोडरमा-गिरिडीह-मधुपुर तक परिचालन जारी है। इसके जुड़ने से मेन लाइन से सीधा संपर्क हो गया है यात्री इसखंड के जरिये पटना और आसनसोल के रास्ते देश के किसी भी राज्य में यात्रा कर सकते हैं। इसके अलावा कोडरमा पटना के अंतर्गत राजगीर तक सीधी ट्रेन सेवा का परिचालन 2024 होना है। झारखंड के अंतर्गत 14 किमी गझंडी के आगे तक रेललाइन बिछकर तैयार है। वहीं बिहार के क्षेत्र में कार्य चल रहा है। इसके अलावा हावड़ा से नई दिल्ली के बीच 160 किमी रफतार से ट्रेन के परिचालन को लेकर दोनों ओर दिवार लगायी जा रही है ताकि मवेशी के साथ-साथ आदमी भी रेलवे फाटक या प्लेटफार्म इस साइड से दुसरे साइड रेल ट्रेक पार नहीं कर सके। वहीं कोडरमा के रास्ते दानकुनी से लुधियाना तक दो रेलवे ट्रेक मालगाडियों के परिचालन के लिए होना है। इसके लिए भी तैयारी चल रही है। झारखंड के क्षेत्र में कुछ काम बाकी है। इसके पूरा होने के बाद मालगाडियां अलग ट्रैक पर चलेगी।