विशेष
-अर्जुन मुंडा और आशा लकड़ा को पर्यवेक्षक बना कर दिया बड़ा संदेश
-तीन राज्यों में जीत के बाद अब झारखंड फतह के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बनायी खास रणनीति

लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार जनादेश हासिल करने के लिए खास रणनीति बनायी है। हिंदी पट्टी के तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद एक तरफ जहां वह ‘मोदी की गारंटी’ को केंद्रीय मुद्दा बनाने में जुटे हैं, वहीं आदिवासियों को साधने के लिए झारखंड पर खासा ध्यान दे रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने झारखंड के दो आदिवासी नेताओं, अर्जुन मुंडा और आशा लकड़ा को छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में नया सीएम चुनने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया। यह पहली बार है, जब झारखंड भाजपा का कोई नेता किसी राज्य में सीएम चुनने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। इससे पहले रघुवर दास को ओड़िशा का राज्यपाल नियुक्त कर पीएम मोदी ने पहली बार झारखंड भाजपा के किसी नेता को इतनी बड़ी जिम्मेवारी सौंपी थी। इतना ही नहीं, वह पिछले 15 नवंबर को ‘धरती आबा’ भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उनके गांव खूंटी के उलिहातू आकर वहां की मिट्टी को अपने माथे से लगा चुके हैं। पीएम मोदी का यह झारखंड प्रेम महज वोट की सियासत नहीं है, बल्कि इस आदिवासी बहुल राज्य और यहां के आदिवासियों के प्रति एक स्वाभाविक लगाव है, जो पिछले 75 साल में पहले कभी किसी प्रधानमंत्री ने नहीं दिखाया। क्या है पीएम मोदी के इस झारखंड और आदिवासी प्रेम का कारण, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।

तारीख थी 15 नवंबर 2023 । दो चुनावी राज्यों मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार का वह अंतिम दिन था। इन दोनों ही राज्यों के चुनाव में ताबड़तोड़ रैलियां करनेवाले, भाजपा के प्रचार अभियान की सामने से अगुवाई करनेवाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचार के अंतिम दिन इन दोनों ही राज्यों से कहीं दूर झारखंड में थे। झारखंड में कोई चुनाव नहीं था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस राज्य के खूंटी जिले में थे। पीएम मोदी के इस दौरे का प्रभाव मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ ही नहीं, राजस्थान के चुनाव नतीजों पर भी साफ नजर आ रहा है।
इसके बाद आया 3 दिसंबर, जब इन तीनों राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम घोषित हुए। तीनों ही राज्यों में भाजपा ने शानदार जीत हासिल की। उसके बाद बारी आयी इन राज्यों में नया मुख्यमंत्री चुनने की, तो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने लंबे विचार मंथन के बाद इन राज्यों के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की। इनमें छत्तीसगढ़ के लिए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में तीन पर्यवेक्षक बनाये गये, जबकि मध्यप्रदेश के लिए जो तीन केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाये गये, उनमें एक आशा लकड़ा भी शामिल की गयीं। झारखंड के इन दोनों नेताओं को इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंप कर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पूरे देश में खास संदेश दिया है। यह पहला मौका है, जब झारखंड के किसी भी नेता को किसी राज्य में सीएम चुनने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया गया है।
दरअसल, पीएम मोदी का झारखंड और यहां के नेताओं के प्रति यह प्रेम नया नहीं है। 2014 में जब उन्होंने देश की बागडोर संभाली थी, तभी से वह झारखंड पर खास ध्यान दे रहे हैं। झारखंड और यहां के लोगों के प्रति पीएम मोदी के इस लगाव के कारण धरती आबा की इस भूमि को केंद्रीय योजनाओं का लांचिंग पैड कहा जाने लगा था। साल 2014 से 2019 के दौरान अपने पहले कार्यकाल में पीएम मोदी ने झारखंड से कई बड़ी योजनाओं का शुभारंभ किया था। सबका साथ, सबका विकास वाले बैनर-पोस्टर हर चौक-चौराहों पर दिखते थे।

क्यों झारखंड कहलाता था केंद्र का लांचिंग पैड
2019 में विधानसभा चुनाव की रैलियों को छोड़ दें, तो रघुवर सरकार के पांच वर्षों के कार्यकाल में सितंबर 2019 तक पीएम मोदी 12 बार झारखंड आये। 23 सितंबर 2018 को उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी पब्लिक हेल्थ स्कीम यानी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ भगवान बिरसा की धरती से ही किया था। यह स्कीम भाजपा के चुनावी एजेंडे में टॉप पर रही। इस स्कीम की बदौलत गरीबों को पांच लाख तक के इलाज की सुविधा मिल रही है। इससे पहले 2 अक्तूबर 2015 को पीएम मोदी ने खूंटी में 2.22 करोड़ रुपये की लागत से बने 180 किलोवाट की रूफटॉप सोलर सिस्टम का उद्घाटन किया था। खूंटी जिला न्यायालय सौर ऊर्जा से चलनेवाला देश का पहला कोर्ट बना था। 25 मई 2018 को पीएम मोदी धनबाद आये थे। तब उन्होंने सिंदरी खाद कारखाना, देवघर में एम्स, देवघर में एयरपोर्ट के अलावा चाइबासा और कोडरमा मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया था। उन्होंने पतरातू ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड और तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड की क्षमता विस्तार वाली योजनाओं की आधारशिला भी रखी थी। 21 जून 2019 को पीएम मोदी ने रांची के प्रभात तारा मैदान से पूरी दुनिया को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दी थी। इस 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती थी और पीएम मोदी खूंटी जिले में स्थित उनके गांव उलिहातू पहुंचे थे। पीएम मोदी ने खूंटी से विकसित भारत संकल्प यात्रा की शुरूआत की, आदिवासी कल्याण के लिए 24 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी। बिरसा मुंडा को आदिवासी समाज में भगवान का दर्जा प्राप्त है।

भाजपा ने आदिवासियों के बीच कैसे मजबूत की जमीन
पिछले चुनाव में एसटी बेल्ट में करारी शिकस्त के बाद भाजपा ने रणनीति में बदलाव किया। पार्टी ने आदिवासियों को पार्टी से जोड़ने के लिए एक के बाद एक, कई दांव चले। इसकी शुरूआत राष्ट्रपति चुनाव से ही हो गयी थी। राष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया। द्रौपदी मुर्मू देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति हैं। भाजपा ने इसके बाद मध्यप्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ तक, आदिवासी प्रतीकों को लेकर मुहिम शुरू की। अंत में पीएम मोदी के खूंटी दौरे ने आदिवासी समाज को बड़ा संदेश दे दिया और पार्टी तीनों ही राज्यों में एसटी सीटों से बड़ी लीड लेने में सफल रही।

झारखंड को ही क्यों चुना पीएम मोदी ने
एक बड़ा सवाल यह भी है कि आदिवासियों को साधने के लिए पीएम मोदी ने झारखंड को ही क्यों चुना, तो इसका जवाब यह है कि झारखंड एक ऐसा प्रदेश है, जहां से देश भर के आदिवासियों को मैसेज आसानी से दिया जा सकता है। राजनीति के जानकार मानते हैं कि देश भर के आदिवासी झारखंड को अपना अगुआ मानते हैं। झारखंड का रुख ही देश के आदिवासियों का रुख तय करता है। इसलिए अब देश भर में यही संदेश गया है कि पीएम मोदी ही आदिवासियों के सच्चे हितैषी हैं। इसका पूरे देश में एक सकारात्मक संदेश गया है।

भाजपा का आदिवासी प्रेम प्रदर्शित हो रहा है
पीएम के इस प्रयास का लगातार असर भी देखा जा रहा है। कांग्रेस और झामुमो के नेता चाहे जो कहें, लेकिन हकीकत यही है कि झारखंड में भाजपा की स्थिति सुधर रही है। बाबूलाल मरांडी के प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनने के बाद से हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ जोरदार राजनीतिक हमला हो रहा है। बाबूलाल की सभाओं में लोग सुनने भी आ रह हैं। मोटरसाइकिल रैली से लेकर अन्य कार्यक्रमों में आदिवासी समुदाय की उपस्थिति में सुधार हो रहा है। इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और तेज-तर्रार महिला नेता आशा लकड़ा को केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाने से भाजपा आलाकमान ने यही संदेश देने की कोशिश की है कि वह सिर्फ वोट की राजनीति नहीं करती, आदिवासी नेताओं को सम्मान भी देती है। अर्जुन मुंडा की अगुवाई में छत्तीसगढ़ में पहुंचे केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने नये सीएम के रूप में विष्णुदेव साय का चयन करके यह संदेश दे दिया है कि भाजपा आदिवासियों को हक अधिकार दे रही है। छत्तीसगढ़ में तो नेता बहुत हैं। रमन सिंह, अरुण साहू, लेकिन विष्णुदेव साय का चयन यह दर्शाता है कि भाजपा का आदिवासी समाज के प्रति क्या नजरिया है। निश्चित रूप से इसका सकारात्मक असर आदिवासी समाज पर पड़ेगा और यह भाजपा के लिए आदिवासी बहुल क्षेत्रों में संजीवनी का काम करेगा।

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