रांची। झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा है कि पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापकों) को वेतनमान नहीं दिया जा सकता है। उनके अनुसार, पारा शिक्षकों की नियुक्ति में तकनीकी अड़चन है। इनकी नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया है, इसलिए वेतनमान नहीं दिया जा सकता। मंत्री ने कहा कि अष्टमंंगल कमेटी के साथ हुई बैठक के आलोक में नियमावली बनायी गयी, जिसमें पारा शिक्षकों के मानदेय में 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि की गयी। उसी समय तय हो गया था कि उन्हें वेतनमान नहीं दिया जा सकता है। ऐसे में उनके द्वारा फिर से वेतनमान की मांग करना गलत है।
उन्होंने कहा कि पारा शिक्षक बिहार की तर्ज पर वेतनमान देने की मांग कर रहे हैं, जबकि बिहार में हुई नियुक्ति में आरक्षण रोस्टर का पालन किया गया है। मंत्री ने कहा कि पारा शिक्षकों के मानदेय में चार प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देने का निर्णय लिया गया, जबकि सरकारी शिक्षकों के वेतन में तीन प्रतिशत की ही वृद्धि होती है। इधर, मंत्री के इस बयान पर पारा शिक्षकों में रोष है। कई पारा शिक्षकों ने कहा है कि महाधिवक्ता ने टेट उत्तीर्ण पारा शिक्षकों को वेतनमान देने की अनुशंसा की थी।