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    Home»Jharkhand Top News»दुमका में गेमचेंजर बन सकता है ‘माटी की पार्टी’ का नारा
    Jharkhand Top News

    दुमका में गेमचेंजर बन सकता है ‘माटी की पार्टी’ का नारा

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskOctober 25, 2020No Comments3 Mins Read
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    दयानंद राय
    रांची। दुमका में झामुमो का खुद को माटी की पार्टी बताने का दावा गेमचेंजर हो सकता है। गेमचेंजर इसलिए क्योंकि दुमका की करीब 78 फीसदी आबादी ग्रामीण है। और ऐसे में यहां माटी की पार्टी का नारा कारगर साबित हो सकता है। यही वजह है कि झामुमो दुमका विधानसभा के परिवेश से खुद को एकाकार करते हुए अपनी चुनावी सभाओं में खुद को माटी की पार्टी बता रहा है। बसंत सोरेन दुमका के मसलिया में कह चुके हैं कि झामुमो माटी की पार्टी है और माटी को नहीं भूलना है। पूर्व में पार्टी को इस सीट पर मिली जीत की लहर पर सवार बसंत ये भी कहते हैं कि कौन किसको उखाड़ फेंकेगा यह उपचुनाव के परिणाम तय करेंगे। इधर, भाजपा नेताओं के भाषण देखें तो सारठ विधायक रणधीर सिंह झामुमो में वंशवाद का मुद्दा उठा रहे हैं तो बाबूलाल ये कहते नजर आते हैं कि संथाल परगना को छोड़कर झामुमो और कहीं से चुनाव नहीं जीत सकती। यही वजह है कि सोरेन परिवार संथाल परगना की सात सीटें अपने पास रखना चाहता है। भाजपा ने झामुमो को टेंशन में लाने के लिए बसंत सोरेन के नामांकन में तथ्यात्मक गड़बड़ियों का सवाल उठाया है तो नहले पर दहला फेंकते हुए झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कह दिया कि चुनाव से पहले ही भाजपा हताश और निराश हो गई है। उसे अभी से ही हार का डर सताने लगा है। इसी लिये वह तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। उसे मालूम होना चाहिए कि जब उम्मीदवार का नामांकन वैध है तो इसे चुनाव के बाद ही आयोग या अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
    झामुमो और भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा की सीट है दुमका
    दुमका सीट भाजपा हो या झामुमो दोनों के लिए प्रतिष्ठा की सीट है। इसलिए दोनों पार्टियां इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। हालांकि राजनीतिक परिस्थितियों की बात करें तो बीते विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन से हार चुकी लुइस मरांडी के पास जीत का वह गौरव नहीं है जो झामुमो के पास है, और दूसरा दुमका झामुमो का गढ़ है जहां स्थानीय झामुमो नेताओं के साथ स्थानीय मुद्दों की भी गहरी समझ झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन में है। हालांकि भाजपा यहां बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा उठा रही है पर यह मुद्दा कितना कारगर होगा यह चुनाव के परिणाम तय करेंगे। दुमका में बसंत सोरेन को स्थानीय झामुमो नेताओं के साथ राजमहल सांसद विजय हांसदा और बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम जैसे नेताओं की टीम का साथ मिल रहा है तो भाजपा प्रत्याशी के पास दुमका सांसद सुनील सोरेन और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के करिश्मे का भरोसा है। हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, पार्टी के राष्टÑीय उपाध्यक्ष रघुवर दास और सारठ विधायक रणधीर सिंह तथा अन्य नेताओं का लुइस को साथ मिल रहा है पर इक्का-दुक्का को छोड़ दें तो ज्यादातर नेता बाहरी हैं।

    Mummy's party slogan can be a game changer in Dumka
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