आजसू के समक्ष तीन बड़ी चुनौतियांदेश, काल और परिस्थितियां पार्टी हों या व्यक्ति सबके सामने चुनौतियां पेश करती हैं। 22 जून 1986 को अस्तित्व में आनेवाली आजसू पार्टी के साथ भी यही हो रहा है। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 53 सीटों पर चुनाव लड़ी, पर केवल दो सीटों पर ही जीत का स्वाद चख सकी। आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो सिल्ली से जीत,े तो डॉ लंबोदर
Author: azad sipahi desk
किसान आंदोलन के 35वें दिन सरकार और किसानों के बीच 36 का आंकड़ा टूटता दिखा। कृषि कानूनों पर किसान संगठनों और केंद्र के बीच बुधवार को विज्ञान भवन में सातवें दौर की बैठक हुई। पांच घंटे तक चली मीटिंग में सरकार थोड़ी झुकी, तो किसान भी थोड़े नरम पड़े। सरकार ने किसानों की चार में से दो मांगें मान लीं। बाकी दो मांगों पर बातचीत के लिए चार जनवरी की तारीख तय की गयी है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हत्या की धमकी देने के मामले की जांच तेज हो गयी है। अब इस मामले में जर्मनी और स्विटरलैंड को अनुरोध पत्र भेजने के लिए सीआइडी द्वारा अदालत से आग्रह किये जाने का फैसला किया गया है। इस मामले की जांच सीआइडी कर रही है।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि स्वस्थ और समृद्ध झारखंड का सपना सीएम का है। ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों और दूसरे मेडिकल स्टाफ की कमियों को दूर करने पर सरकार की नजर है। गरीब और ग्रामीण जनता राज्य सरकार की तरफ देख रही है। हमलोग उनकी आशा और आकांक्षा को पूरा करेंगे। मरीजों के चेहरे पर मुस्कान लाना चाहते हैं, ताकि सरकार का चेहरा देश और दुनिया में दिखेगाा। मंत्री बन्ना गुप्ता ने बुधवार को हेमंत सरकार के एक साल के कार्यकाल के दूसरे दि
उम्मीदों में विश्वास के बीज अंकुरित होते हैं। आनेवाले नववर्ष में गुमला के लोग त्रासदी वर्ष 2020 को विदा देने के साथ नयी उम्मीदों को साकार करने के लिए नया संकल्प लेने की तैयारी में जुट गये हैं। नयी उम्मीद और नया विश्वास के साथ नव वर्ष के आगमन की तैयारी में जुट गये हैं।
नये साल 2021 में झारखंड के राजनीतिक दलों खासकर झामुमो-कांग्रेस और भाजपा को नयी चुनौतियों से रू-ब-रू होना पड़ेगा। नये साल में विधानसभा की एक सीट मधुपुर में उपचुनाव भी होना है। इसे लेकर 15 जनवरी को खरमास खत्म होते ही सियासी पारा चढ़ने लगेगा। यह चुनाव इस मायने में भी खास है कि दो उपचुनाव में एनडीए को हार मिली है। इस कारण इस बार एनडीए पूरे दमखम के
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछले साल मुझे पूर्व की सरकार ने खाली खजाने की चाभी सौंपी थी। हर विभाग कर्ज में डूबा था। जब सरकार आयी थी तो स्थिति भयावह थी। दूसरे महीने में तनख्वाह कैसे दी जायेगी, यह भी सोचना पड़ता था। यही कारण है कि किसानों की ऋण माफी में एक साल लग गया। मैं वादा करता हूं कि पांच साल बाद झारखंड को किसी के सामने भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सरकार की पहली वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में साफ संकेत दिया कि वह दूसरों से एकदम अलग हैं। मंगलवार को मोरहाबादी मैदान में आयोजित समारोह तो सरकारी था, लेकिन तामझाम बिल्कुल नहीं। सिर्फ जरूरी लोगों को ही बुलाया गया था।
सरकार की पहली वर्षगांठ पर मंगलवार को कांग्रेस भवन में जश्न मनाया गया। पार्टी के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह की मौजूदगी में लड्डू खिलाकर और केक काट कर पार्टी नेताओं- कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया। पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर कहा कि इस एक वर्ष में राज्य में उग्रवाद और अपराध का बोलबाला रहा। अपराध का शिकार सबसे ज्यादा महिलाएं हुईं। डेढ़ हजार से ज्यादा महिलाएं दुष्कर्म की शिकार हुर्इं। राज्य में विकास कार्य ठप पड़ा है। ब्लॉक, थाना और अंचल में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। भाजपा के कार्य
29 दिसंबर को बतौर मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल का एक साल पूरा करनेवाले हेमंत सोरेन को इस दौरान विपक्ष के कई हमले झेलने पड़े। पर उन्होंने न सिर्फ विपक्ष के हमलों का करारा जवाब दिया बल्कि उन आरोपों को ढाल बनाकर बढ़ चले। विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए भी उन्होंने अपने विरोधियों पर कभी