सोमवार को मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला करने के मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिये गये हैं। इस मामले की जांच के लिए मंगलवार को उच्चस्तरीय कमेटी बना दी गयी है। दो सदस्यीय कमेटी की अध्यक्षता एक आइएएस अधिकारी करेंगे। इस कमेटी में एक आइजी स्तर के अधिका
Author: azad sipahi desk
मुद्दे उठाओ, संघर्ष करो, तभी सत्ता में वापसी संभव- यह बदलते धनबाद की आवाज है। धनबाद के जनमानस की अब यही वाक्य शैली बन गयी है। बदलते धनबाद की दास्तान और मंजर की तटस्थ रिपोर्ट से आजाद सिपाही आपको लगातार अपडेट कर रहा है। इसी कड़ी में हमने आपको बताया है कि कैसे कभी लालखं
1947 में मिली आजादी के बाद से ही भारत में विकास की अवधारणा को राजनीति से जोड़ दिया गया। तब से लेकर आज तक किसी इलाके के विकास की पूरी जिम्मेवारी राजनीतिक नेताओं के कंधों पर ही है। यह एक हद तक सही भी है, क्योंकि इलाके के विकास के लिए आवाज उठाने की क्षमता और ताकत राजनीतिक लोगों में ही होती है। यदि किसी इलाके के राजनीतिक लोग वहां के विकास के लिए आवाज नहीं उठाते हैं, तो
मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला करने के मामले की जांच तेज कर दी गयी है। शनिवार को दो सदस्यीय हाई लेवल कमेटी ने रांची के डीसी, एसएसपी, टैÑफिक एसपी से साढ़े तीन घंटे तक पूछताछ की। इस क्रम में कोतवाली और सुखदेवनगर के पूर्व थानेदारों से भी पूछताछ की गयी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले सोमवार को हमला किया गया। यह हमला शाम छह बजे किशोरगंज चौक पर हुआ। हमलावर ओरमांझी में युवती की हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। भीड़ में शामिल लोग हाथों में तख्तियां लिए हुए थे। यही भीड़ पहले पुतला जलाती है और फिर सीएम के काफिले पर हमले की योजना भी बनाती है।
झारखंड में हुए कुछ बड़े जमीन घोटाले की जांच जल्द सीआइडी शुरू करेगी। सीआइडी से उम्मीद इतनी बढ़ी कि अब जमीन घोटाले की जांच भी इस विभाग को सौंपी जा रही है। मूलत: अपराध अनुसंधान विभाग में अपराध से जुड़े मामलों की ही जांच होती है। सीआइडी के अधिकारियों की मेहनत ने इस तरह इस विभाग की छवि बदली और लोगों का भरोसा जिता कि अब जमीन घोटाले
झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा की तिथि की घोषणा कर दी गयी है। इस बार 18 दिनों तक यह परीक्षा चलेगी। नौ मार्च से परीक्षा शुरू होगी और 26 मार्च को समाप्त हो जायेगी। जैक अध्यक्ष अरविंद सिं
झारखंड की चौथी विधानसभा के अध्यक्ष रहे प्रो दिनेश उरांव की गिनती साफ-सुथरे राजनीतिज्ञों में होती है, लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में उनकी हार ने उन्हें गुमला की राजनीति में हाशिये पर लाकर ख
राजनीति बेहद अनिश्चितता का पर्याय है। यहां कब किसका सितारा बुलंद होगा और कब कौन हाशिये पर चला जायेगा, कहा नहीं जा सकता। झारखंड के दूसरे मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा इसके सबसे अच्छे उदाहरण हैं। वह झारखंड की सियासत में एक धूमकेतु की तरह उभरे और देखते-देखते सत्ता शीर्ष तक जा पहुंचे, लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में पराजित होने के बाद वह न केवल झारखंड की राजनीति से, बल्कि भाजपा संगठन के भीतर भी हाशिये पर धकेल दिये गये। इन पांच सालों में व
रांची से जमशेदपुर जाने के क्रम में चौका पड़ता है। यहां एक बड़ा चौराहा है। बड़ा फ्लाइओवर भी है। चौराहे पर सिल्ली जाने वाले रास्ते में धूल धूसरित दो मूर्ति दिखी। आजाद सिपाही की टीम एक जनवरी को सरायकेला जा रही थी। चौक पर टीम रु
मनातू थाना क्षेत्र के कुंडीलपुर में एक नक्सली ने एक युवक की गोली मार कर हत्या कर दी। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने आरोपी नक्सली और उसकी पत्नी की पीट-पीट कर जख्मी करने के बाद गोली मार कर हत्या कर दी। मृतकों में विनोद सिंह, नक्सली प्रगास सिंह और उसकी पत्नी प्रेमनी शामिल है।