दोनों पर दांव लगाया, तो साख पर लगेगा बट्टा
Browsing: राजनीति
विधानसभा चुनाव को रोचक बना रही है ये आधी आबादी
अपने इलाके में ‘रॉबिनहुड’ की छवि रखते हैं ये विधायक
पिछड़ों में बढ़ रहा है पार्टी के प्रति आकर्षण, पिछड़ों के कई कद्दावर नेताओं के शामिल होने से पार्टी उत्साहित
उत्तरी छोटानागपुर कार्यकर्ता सम्मेलन में नड्डा और रघुवर ने दिया जीत का मंत्र
रघुवर ने साधा कांग्रेस-झामुमो पर निशाना, कहा-झामुमो परिवारवाद की राजनीति कर रहा
आज के खबर विशेष में हम बता रहे हैं कि अंतत: कांग्रेस को हेमंत सोरेन का नेतृत्व स्वीकार हो गया है। बीते मंगलवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने हेमंत सोरेन के दरबार में हाजिरी लगाकर इसकी पुष्टि भी कर दी। दोनों दलों को एक-दूसरे की जरूरत भी है। दोनों के बीच समझौते का खाका तो महीनों पहले ही तैयार हो गया था, परंतु लोकसभा में मिली हार और इसके बाद कांग्रेस में हुए सांगठनिक फेरबदल के कारण महागठबंधन को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे। कांग्रेस के नये अध्यक्ष की बयानबाजी भी इस रिश्ते को तार-तार कर रही थी। इस बीच पिछले दिनों दिल्ली में सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में झारखंड के नेताओं को स्पष्ट निर्देश दिया गया कि वे गठबंधन को लेकर बयानबाजी से बाज आयें। इसके बाद आरपीएन सिंह रांची आये और हेमंत से मिल कर रिश्तों को मजबूत बना गये। इससे स्पष्ट है कि राहुल गांधी के समय में दोनों दलों के बीच हुआ समझौता बरकरार है। अब दोनों के बीच सिर्फ सीट शेयरिंग का फार्मूला तय होना बाकी और राज्य के अन्य विपक्षी दलों को एक मंच पर लाना भर रह गया है। झारखंड में विपक्षी महागठबंधन कैसे आकार लेने लगा है, इसकी पड़ताल करती दीपेश कुमार की रिपोर्ट।
लक्ष्मण गिलुआ ने कहा: पलामू में भाजपा और मजबूत हुई
कांग्रेस पर भी हमला बोला, कहा : भ्रष्टाचार की जननी है
भाजपा नेता कौशल किशोर समर्थकों संग झाविमो में शामिल
भाजपा और झाविमो के लिए चुनौती होगी एकजुटता को बनाये रखने की
