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झारखंड की चर्चित रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी ने नक्सलियों को लेवी के तौर पर छह लाख रुपये का भुगतान किया है। यह एनआइए की छापेमारी में उजागर हुआ है। जांच एजेंसी ने कंपनी के कार्यालय में मंगलवार को छापामारी की थी। इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज, कंप्यूटर हार्ड डिस्क, कैश बुक और बैंक खातों का विवरण जब्त किया गया है। कंपनी का कार्यालय रांची के कचहरी रोड स्थित पंचवटी प्लाजा के सातवें तल्ले पर है।

कोरोना के कारण सवा दो महीने के लॉकडाउन से सर्वाधिक प्रभावित प्रवासी मजदूर रहे। सैकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर से भारी मुसीबतों का सामना कर घर लौटनेवाले इन प्रवासी मजदूरों की सबसे बड़ी चिंता रोजी-रोटी की है। झारखंड में करीब साढ़े छह लाख मजदूर लौट चुके हैं और इनमें से अधिकांश ने अब कभी बाहर नहीं जाने की बात कही है। ऐसे में इनके लिए काम की व्यवस्था करना राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी।

गैंगस्टर कुणाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। हत्या की घटना बुधवार की सुबह शहर थाना क्षेत्र के अघोर आश्रम के पास हुइ। बताया जा रहा है कि गैंगस्टर कुणाल सिंह अपने कार में सवार होकर कहीं जा रहा था। इसी दौरान गोली मारने से पहले अपराधियों ने कुणाल सिंह की कार को धक्का मारा। उसके बाद ताबड़तोड़ तीन गोलियां मार दी। गोली उसके सिर समेत शरीर के अन्य हिस्सों में लगी। हालांकि इस

किस्को थाना क्षेत्र स्थित पाखर गांव के बॉक्साइट माइंस में नक्सलियों ने मंगलवार की रात जमकर उत्पात मचाया। करीब 50 की संख्या में पहुंचे हथियारबंद नक्सलियों ने 11 वाहनों में आग लगा दी। इसमें 9 वोल्वो पॉकलेन और दो कंप्रेसर ड्रिल मशीन शामिल है। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच में जुट गई है। वहीं, घटना के बाद से क्षेत्र में ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल बना हुआ है।

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मंगलवार को रांची के रिम्स में नेफ्रोलॉजी विभाग की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि सरकार की यह कोशिश होगी कि राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में जल्द से जल्द डायलिसिस की सुविधा मिल सके। स्वास्थ्य मंत्री ने रिम्स में नेफ्रोलॉजी विभाग के उद्घाटन समारोह में कहा कि यह कदम रिम्स में डायलिसिस व्यवस्था को मजबूत करने में कारगर साबित होगा। उन्होंने रिम्स में नेफ्रोलॉजी विभाग शुरू होने के लिए रिम्स निदेशक और अधीक्षक समेत उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

राज्य सरकार ने कई सेक्टरों में व्यापार की अनुमति दे दी है। लेकिन गारमेंट और जूता कारोबारियों को फिलहाल दुकानें खोलने की अनुमति नहीं दी गयी है। इससे दुकानदारों में आक्रोश है। इसे लेकर रांची, दुमका, धनबाद और जमशेदपुर समेत अन्य जिलों में दुकानदारों ने सड़क पर उतर कर विरोध जताया। जूता-चप्पल और कपड़ा दुकानदार दुकानों को खोलने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे तथा नाराजगी जतायी। दुकानदारों

कोरोना संक्रमण के कारण सवा दो महीने से जारी लॉकडाउन अब चरणबद्ध ढंग से अनलॉक किया जा रहा है। इसके साथ ही झारखंड का जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है। लॉकडाउन के दौरान राजनीतिक गतिविधियों पर भी विराम लग गया था, हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए राजनीतिक दल अपनी सक्रियता बनाये हुए थे। अब स्थिति सामान्य होने के बाद इसमें तेजी आयेगी। सबसे पहले 19 जून को राज्यसभा चुनाव है, जिसमें सत्ताधारी झामुमो-कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच जबरदस्त रस्साकशी देखने को मिलेगी।

त्रिपुरा के उदयपुर रेलवे स्टेशन से कुल 1288 श्रमिकों को लेकर सोमवार की देर रात श्रमिक स्पेशल ट्रेन लोहरदगा स्टेशन पहुंची। इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन से लोहरदगा जिला के 448, लातेहार जिला के 167, पलामू जिला के 04, देवघर जिला के 15, चतरा जिला के 28, गुमला जिला के 537, सिमडेगा जिला के 85 और रांची जिला के 04 श्रमिक समेत कुल 1288 लोग लोहरदगा पहुंचे। झारखंड के अन्य जिलों से आये प्रवासी श्रमिकों को रात्रि का भोजन करा कर उनके लिए चिन्हित वाहनों से उनके गृह जिले के लिए रवाना किया गया। वहीं लोहरदगा जिला के विभिन्न प्रखण्डों के निवासियों को गृह एकांतवास के लिए उनके प्रखंड मुख्यालय भेजा गया।

राजधानी रांची करीब दो माह बाद मंगलवार को गुलजार नजर आया। सड़कों पर ऑटो व ई-रिक्शा का संचालन हुआ तो बाजारों में भी अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा दुकानें खुलीं। दरअसल, अनलॉक वन के तहत सरकार ने बस को छोड़ ऑटो और ई-रिक्शा संचालन की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही मंगलवार से कपड़ा, सौंदर्य, प्रसाधन, जूता चप्पल की दुकानों को छोड़कर सभी तरह की दुकानों को खोलने की छूट दे दी है।

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कहा है कि मनरेगा के जरिये सरकार हरित ग्राम योजना के तहत फलदार पौधों के साथ इमारती लकड़ियों के पौधे भी लगाये। उन्होंने कहा है कि सरकार का यह कदम प्रशंसा के योग्य है। उन्होंने कहा है कि योजना के तहत फलदार पौधों के साथ सागवान, महोगनी, सखुआ, गम्हार और बांस के पौधों को लगाने की दिशा में पहल होनी चाहिए।