मुकेश काबरा रांची। प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के चुनाव में ओमप्रकाश अग्रवाल को अध्यक्ष चुना गया। परिणाम की घोषणा करते हुए…
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24 सितंबर 2006 को जब भाजपा से अलग होकर बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक का गठन किया था, तभी से भाजपा को यह महसूस होने लगा था कि बाबूलाल को उचित तवज्जो और उनके विचारों को महत्व न देकर पार्टी ने गलती की है। इसके बाद भाजपा ने अपनी भूल सुधारने की लगातार कोशिश की और बाबूलाल मरांडी को पार्टी में वापस लाने की कोशिशें चलती रहीं। भाजपा की इन कोशिशों का नतीजा तब निकला, जब झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम आने पर भाजपा सत्ता से बेदखल हो गयी। इसके बाद पार्टी के आलाकमान ने बाबूलाल को न सिर्फ मना लिया, बल्कि पार्टी में उनके आने की सूचना अर्जुन मुंडा सरीखे पार्टी के वरीय नेताओं को भी दे दी। अब खरमास के बाद बाबूलाल भाजपा के नेता के रूप में दिखेंगे। बाबूलाल की भाजपा में वापसी और झारखंड की राजनीति में उनकी अहमियत की पड़ताल करती दयानंद राय की रिपोर्ट।
युवा दिवस पर मुख्यमंत्री का आह्वान
पुलिसकर्मी समेत पांच घायल
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी सहजता और आम आदमी के दुख-दर्द से अपने जुड़ाव को हमेशा सबसे आगे रखते हैं।…
आजाद सिपाही संवाददाता रांची। राजधानी रांची में लगातार तीसरे दिन भी कोल्ड डे की स्थिति रही। सुबह-शाम हाड़ कंपाने वाली…
जिस पार्टी के पांच विधायक हों और वे घट कर दो रह जायें, तो यह समय उस पार्टी के लिए आत्ममंथन का होता है। और यही समय झारखंड में आजसू के लिए इस वक्त है। झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पार्टी अपनी हार के कारणों पर विचार कर रही है। इससे उसे किसी नतीजे पर पहुंचने में तो मदद मिलेगी ही, हार की समीक्षा कर आगे की राह तय करने में भी मदद मिलेगी। यह जाहिर हो चुका है कि भाजपा की तरह ही विधानसभा चुनाव में आजसू को अपेक्षित सफलता न मिलने के एक नहीं कई कारण थे। और उन कारणों का सामूहिक प्रभाव यह हुआ कि आजसू की सीटें राज्य में घटीं। विधानसभा चुनाव में आजसू की सीटें घटने और पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो की जीत के कारणों की विवेचना करती दयानंद राय की रिपोर्ट।
झारखंड के विकास पर हुई पीएम से बात जल्दी ही होगी दोबारा मुलाकात : सीएम
सीएम हेमंत और पूर्व सीएम रघुवर ने दी शुभकामना
रांची। दिशोम गुरु शिबू सोरेन शनिवार को 76 साल के हो गये। जन्मदिन के मौके पर उन्होंने रांची के मोरहाबादी…
विजय प्रताप देव
गढ़वा। गढ़वा विधानसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित झामुमो विधायक मिथिलेश ठाकुर सियासत के दमदार योद्धा के रूप में उभरकर सामने आये हैं। वह पार्टी के केंद्रीय महासचिव भी हैं। पार्टी की रणनीति तय करनेवाली शीर्ष टीम का हिस्सा माने जाते हैं। हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री पद के लिए भी उनकी प्रबल दावेदारी है, क्योंकि पलामू प्रमंडल में पार्टी संगठन के विस्तार में उनकी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हेमंत सोरेन के विश्वस्त सिपहसालारों में शुमार मिथिलेश से गढ़वा के लोगों को भी काफी उम्मीदें हैं। गढ़वा के भाजपा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी को शिकस्त देकर विधानसभा पहुंचे झामुमो के कद्दावर नेता से आजाद सिपाही की बातचीत के कुछ अंश: