नई दिल्ली : समूचे देशवासी सोमवार तड़के 2:51 बजने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे तभी करीब एक घंटे…
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लाहौर : लाहौर के आतंक रोधी अदालत (एटीसी) ने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) चीफ हाफिज…
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों-उप विकास आयुक्तों को दिया तीन महीने का लक्ष्य
बेंगलुरु : कर्नाटक में सत्तारूढ़ जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन और विपक्षी बीजेपी के बीच शह और मात का खेल जारी है। राज्य…
सोलन : हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के कुमारहट्टी में रविवार दोपहर बाद एक ढाबा अचानक ढह गया। इस इमारत…
ल्हासा/पेइचिंग : दलाई लामा के चयन को लेकर चीन ने एक बार फिर धौंस दिखाने की कोशिश की है। चीन…
London: आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप-2019 का खिताबी मुकाबला बेहद रोमांचक रहा और लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर मेजबान इंग्लैंड ने…
रांची। झारखंड में महागठबंधन के बन रहे ताने-बाने के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। या यूं कहा जाये कि महागठबंधन में आल इज नॉट वेल, तो गलत नहीं होगा। कारण महागठबंधन की पहली बैठक में जो सीट जिसकी, वह दल उस पर लड़ेगा के चुनावी फार्मूले के दूसरे ही दिन झामुमो विधायक दल की बैठक के बाद हेमंत सोरेन ने 41 सीटों पर दावा कर दिया है। इसके बाद से लगे हाथ कांग्रेस ने भी 30 सीटों पर दावेदारी कर दी है। इस कारण सीटों पर सियासत उलझती नजर आ रही है। अब सवाल है कि महागठबंधन में बाकी बचे दलों का क्या होगा। आखिर इसमें बड़ा दिल कौन दिखायेगा। कारण होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी महागठबंधन की परीक्षा की घड़ी है। झामुमो ने जैसे ही 41 सीटों पर अपना दावा जताया, तो महागठबंधन के साथी बिफर पड़े। गठबंधन के साथी जेएमएम और हेमंत सोरेन को ही नसीहत देने लगे। ऐसे में एक बार फिर सवाल उठने लगा है कि क्या झारखंड में महागठबंधन में सीटों का पेंच सुलझ पायेगा। इन तमाम पहलुओं पर विवेचना कर रहे हैं राजीव।
रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वर्षों से झारखंड के लोगों की मांग को रविवार को मूर्त रूप दिया। उन्होंने झारखंडवासियों…
नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर पर रविवार को भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाली अहम वार्ता से पहले भारत के दबाव में…
बेंगलुरु : कर्नाटक में गठबंधन के कई विधायकों के इस्तीफे के बाद जारी सियासी घमासान में सीएम ने विश्वासमत का…