आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। भाजपा के टिकट पर राजमहल सीट से दो बार लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हेमलाल मुर्मू की घर वापसी होगी। 9 साल के बाद वे 11 अप्रैल को फिर से झामुमो में शामिल हो जाएंगे। बरहेट के धनजोरी गांव में इसके लिए एक भव्य कार्यक्रम होगा। जानकारी के अनुसार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद इस दौरान मौजूद रहेंगे। वहीं झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन समेत पार्टी के कई अन्य बड़े नेताओं के भी कार्यक्रम में उपस्थित रहने की बात हो रही है। बताते चलें कि 2014 लोकसभा चुनाव से पहले तक हेमलाल की गिनती झामुमो के कद्दावर नेता के रूप में होती थी। वे बरहेट सीट से 1990, 1995, 2000 व -2009 यानी चार बार झामुमो के टिकट पर विधायक रहे चुके हैं। इसके अलावा 2004 में झामुमो के टिकट पर कांग्रेस से दोस्ताना संघर्ष में वेराजमहल सीट से सांसद भी रहे हैं। हालांकि, 2014 में हुए लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वे भाजपा में शामिल हो गए थे। इधर, बातचीत में हेमलाल ने कहा कि झामुमो उनका परिवार है, वे इससे कैसे दूर रह सकते हैं।
9 साल का राजनीतिक वनवास अब होगा खत्म
हेमलाल मुर्मू 2014 में जब से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए तब से एक तरह से राजनीतिक वनवास पर ही रहे। 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव हारे। मगर अब 9 साल के बाद राजनीतिक वनवास से वापसी की उम्मीद उन्हें जगी है। मालूम हो कि बीते वर्ष पाकुड़ में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान पहली बार हेमलाल मुर्मू वहां नजर आए। पूछने पर कहा था कि स्वेच्छा से आया हूँ।
संताल परगना में विकल्प बनेंगे हेमलाल
झारखंड मुक्ति मोर्चा को हेमलाल की वापसी से संताल परगना में मजबूती मिलेगी। वैसे भी अभी साहिबगंज की 3 विधानसभा सीटों में से 2 पर झामुमो का कब्जा है। राजमहल लोकसभा सीट पर भी झारखंड मुक्ति मोर्चा का ही कब्जा है। दूसरी ओर बीते एक साल से झामुमो के वरीय नेता लोबिन हेम्ब्रम के बगावती तेवर और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर किए जा रहे व्यक्तिगत हमलों को देखकर यह माना जा रहा है कि हेमलाल मुर्मू को इस बार बोरियो सीट से झामुमो प्रत्याशी बना सकता है।