वे विनम्र हैं। राजनीति की गहरी समझ रखते हैं। उन्होंने हर मौके पर यह साबित किया है कि वे पार्टी के सच्चे सिपाही हैं। वे झामुमो महासचिव विनोद पांडेय हैं। वर्ष 1984 में झामुमो से जुड़नेवाले विनोद पांडेय ने पार्टी में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए अपना दम-खम दिखाया है। कोरोना संकट की इस घड़ी में झारखंड सरकार की प्राथमिकताओं, उसकी चुनौतियों और पार्टी के कामकाज पर दयानंद राय ने लंबी बातचीत की। प्रस्तुत है उस बातचीत का संपादित अंश।
सवाल : सवा चार महीने पुरानी हेमंत सरकार की प्राथमिकताएं क्या हैं और कोरोना संकट से यह सरकार कैसे निबटेगी?
जवाब : हेमंत सरकार की प्राथमिकता में गरीब पहले पायदान पर हैं, पर यह भी सच है कि सरकार समाज के हरेक वर्ग के हित को ध्यान में रखकर सबके कल्याण के लिए काम कर रही है। सरकार ने कई मौकों पर अपनी संवेदनशीलता दिखायी भी है और इससे जनता का भरोसा जीता है। जहां तक कोरोना संकट की बात है तो सरकार ने कोरोना संकट के काल में हर गरीब तक अनाज पहुंचाया है और यह भी सुनिश्चित किया है कि कोई भी भूखा न रहे। इस संकट के दौर में सरकार ने कैसे काम किया यह पूरा देश देख रहा है। हम इस चुनौती का डटकर मुकाबला करेंगे और इस पर विजय हासिल करेंगे।
सवाल : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक खाली खजानेवाला राज्य मिला है। दूसरे राज्यों से पांच लाख से अधिक मजदूर झारखंड लौटनेवाले हैं उन्हें रोजी-रोजगार देने के लिए सरकार की क्या तैयारियां हैं?
जवाब : चुनौतियों से न तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन डरते हैं और न झामुमो डरता है क्योंकि झामुमो का तो जन्म ही चुनौतियों के बीच हुआ है। बीती सरकार के जाने के बाद सरकार को एक खाली खजानेवाला राज्य मिला और यह सर्वविदित है। पर यह भी सच्चाई है कि झारखंड एक संसाधनों से भरा-पूरा राज्य है। केवल केंद्र की लोहा और कोयला कंपनियों पर झारखंड सरकार का पचास हजार करोड़ बकाया है। इसके अलावा जीएसटी का हिस्सा और अन्य राशि केंद्र दे दे तो राज्य को कोई विशेष दिक्कत नहीं होगी। देश के अन्य राज्यों से जो प्रवासी मजदूर झारखंड आ रहे हैं उन्हें रोजी-रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार की पूरी मशीनरी काम कर रही है।
सवाल : भाजपा नेता अक्सर आरोप लगाते हैं कि हेमंत सरकार ट्विटर पर चलनेवाली सरकार है और इससे जनता का भला नहीं होगा?
जवाब : भाजपा का सत्ता से बाहर रहना यह बताने के लिए पर्याप्त है कि झारखंड में हेमंत सोरेन की लोकप्रियता कितनी है। कोरोना संकट में ट्विटर और फेसबुक ने जनता से कनेक्ट रहने में सरकार की मदद की है। कई दफा इसके जरिये जनता की समस्याओं का समाधान भी सरकार ने तीव्रता से किया है। विपक्ष की आलोचना इसका सबूत है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लोकप्रियता जनता के बीच बढ़ी है।
सवाल : कोरोना संकट में भाजपा कार्यकर्ता मोदी आहार और राशन बांट रहे हैं, ऐसे में झामुमो पार्टी और इसके कार्यकर्ता क्या कर रहे हैं?
जवाब : भाजपा संकट की इस घड़ी में लोगों की मदद कम और राजनीति अधिक कर रही है। इसका सीधा प्रमाण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर आहार और राशन का वितरण है। झामुमो का संकट की इस घड़ी में राजनीति करने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि हमें लगता है कि इसके लिए कई मौके आयेंगे। झामुमो पार्टी और कार्यकर्ता दो स्तरों पर काम कर रहे हैं। एक ओर तो पार्टी कार्यकर्ता सरकार की ओर से चलायी जा रही योजनाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि राज्य में कोई भी भूखा न सोये। वहीं दूसरी ओर झामुमो विधायक और सांसद अपने कोष से भी जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं।