- बस से 30 हजार लोग वापस आये: रवि कुमार
- कंटेनमेंट जोन में सभी लोग होम क्वारेंटाइन में ही रहेंगे: अमिताभ कौशल
- रेड जोन से आने वाले लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जायेगा : कुलकर्णी
रांची। झारखंड के कोरोना संबंधित मामलों के मुख्य नोडल पदाधिकारी अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य में प्रवासी मजदूरों का आवागमन सरकार द्वारा कराया जा रहा है। इसके लिए सरकार अन्य राज्यों एवं केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित कर ट्रेन के माध्यम से प्रवासी मजदूरों की वापसी करा रही है। वहीं सभी जिलों के उपायुक्त द्वारा बस के माध्यम से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने का कार्य किया जा रहा है। अभी तक राज्य में 60 हजार से अधिक लोग वापस आ चुके हैं । इन सभी कार्यों में भारत सरकार द्वारा जारी सभी प्रोटोकॉल्स को फॉलो किया जा रहा है। वह गुरुवार को झारखंड में कोरोना से बचाव और लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों को प्रोजेक्ट भवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया के लोगों से साझा कर रहे थे।
44 ट्रेनें आयी, 56 ट्रेन शिड्यूल
सचिव के रवि कुमार ने कहा कि अभी तक बस के माध्यम से लगभग 30 हजार लोग राज्य में वापस आ चुके हैं। वहीं 44 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से झारखंड आयी है और 56 ट्रेन आगे के लिए शिड्यूल्ड है। अभी तक 50,028 प्रवासी मजदूर श्रमिक एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन के माध्यम से राज्य में वापस आ चुके हैं। राज्य में निजी वाहनों से भी आवागमन के लिए पास निर्गत किया जा रहा है। अभी तक कुल 1,04,403 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 95 प्रतिशत आवेदनों पर विचार कर कार्रवाई की गयी है।
सरकार की गाइडलाइंस का पालन करें
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देश के बाद कई राज्यों से लोगों की वापसी हो रही है। काफी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर वापस आ रहे हैं, इस संदर्भ में सभी को ग्रास रूट लेवल पर कार्य करना होगा। लोगों को जागरूक करना होगा कि वे खुद ही कोरोना से बचाव के लिए जारी सरकार की गाइडलाइंस का पालन करें। इसके लिए ग्राम प्रमुख, मुखिया, आंगनवाड़ी सेविका, सहिया, चौकीदार, स्कूल कमेटी, शिक्षक आदि को घर-घर तक जानकारी पहुंचाने और उन्हें कोरोना वायरस से बचाव के क्रम मे कैसे रहना है, इस ओर प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन की गाइडलाइन जारी की गयी है। आवश्यकता के अनुसार बैरिकेडिंग भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जितने भी घर कंटेनमेंट जोन में हैं, वहां के सभी लोग होम क्वारेंटाइन में ही रहेंगे। कंटेनमेंट जोन के लिए कंट्रोल रूम का भी संचालन किया जा रहा है। झारखंड के विभिन्न जिलों को लॉकडाउन की वजह से फंसे मजदूरों की सहायता के लिए 16 करोड़ 70 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि वितरित की गयी है। इससे वह झारखंड में फंसे मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखने में खर्च करेंगे। क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को स्पेशल पैकेट दिया जा रहा है, जिसमें 10 किलो चावल, एक किलो अरहर दाल, एक किलो चना दाल, एक पैकेट तेल और एक किलो नमक है।
जांच में 190 की पॉजिटिव मिले
स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में 25 रेड जोन चिह्नित किये गये हैं, जहां से आने वाले लोगों को सरकारी क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जायेगा । उनकी जांच के उपरांत ही उन्हें होम क्वारेंटाइन किया जायेगा । उन्होंने बताया कि राज्य में अभी तक 190 लोग कोविड-19 के टेस्ट में पॉजिटिव पाये गये हैं, जिसमें 87 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज किये जा चुके हैं। तीन की मृत्यु हो गयी है। राज्य में अभी कुल 90 एक्टिव केस है। उन्होंने कहा कि राज्य में टेस्टिंग के लिए उपकरण लगाये जा रहे हैं। कहा कि राज्य में 63 कंटेनमेंट जोन है, जिसमें 1,04,517 लोग रह रहे हैं। राज्य में आठ दिन में अन्य राज्यों से वापस आने वाले 64 प्रवासी कोरोना पॉजिटिव पाये गये, जिसमें सबसे अधिक सूरत, हैदराबाद और मुंबई से आये लोग हैं। राज्य के नौ जिलों में अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं मिले हैं। वहीं रांची और गढ़वा में 10 से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं। सरकार द्वारा वैसे लोग जो क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे हैं, उनके अंदर इम्यूनिटी बूस्टर के लिए खान-पान का विशेष ख्याल रखा जा रहा है।