New Delhi : कोरोना वायरस लाॉकडाउन की वजह से शुरू हुईं मजदूरों की दिक्कतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। सरकार ने प्रवासी लोगों की मदद को ट्रेनें जरूर चला दी हैं लेकिन अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें इसमें सीट मिलना दूर की कौड़ी नजर आ रही है। ऐसा ही एक परिवार घर जाने के लिए पैदल निकल पड़ा है। इन्हें बिहार जाना है, दूरी कुल 1600 किलोमीटर का है, जिसमें से परिवार 500 किलोमीटर का सफर तय चुका है।
रवि पासवान नाम (35 साल) अमृतसर की एक फैक्ट्री में काम करते थे। लॉकडाउन में नौकरी से हाथ धोना पड़ा। रवि पत्नी और बेटी के साथ वहां थे। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में जैसे-तैसे उन्होंने गुजर किया लेकिन फिर मई आते-आते पैसे की तंगी होने लगी, जिस घर में तीन साल रहे थे मालिक ने किराया न मिलने पर वहां से निकाल दिया।
गुड़गांव में रवि राजीव चौक के पास पेड़ के नीचे आराम कर रहे थे। साथ में छह साल की बेटी और पत्नी हैं। एक बोरा है जिसमें कपड़े और कुछ बर्तन हैं। रवि ने बताया कि बेटी छोटी है, थक जाती है इसलिए उन्होंने रुककर आराम करना होता है। रवि ने बताया कि कभी-कभी वे सोचते हैं कि इस सामान को अगर छोड़ दें तो हो सकता है सफर थोड़ा आसान हो जाए, लेकिन फिर लगता है कि उनके पास इसके सिवा कुछ ‘अपना’ है भी नहीं।