आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। मंगलवार को सांसद संजय सेठ ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा। उनहोंने कहा कि राजधानी रांची में 7 से 8 घंटे ही लोगों को बिजली मिल पा रही है। बिजली की कटौती के वजह से पानी के लिए भी हाहाकार मचा हुआ है। इसी समस्या को लेकर उन्होंने कहा कि 24 मई बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का रांची आगमन है। वहीं, दूसरी तरफ पूरे राज्य में बिजली और पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। उन्होंने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं और उर्जा मंत्रालय भी इन्हीं के अधीन है। वहीं, उन्होंने कहा कि आखिर बिजली पानी के लिए मचा हाहाकार का जिम्मेवार कौन है ? मुख्यमंत्री का बिजली-पानी पर चुप्पी क्यों हैं। आखिर राज्य की जनता को जवाब कौन देगा। वहीं, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी चुप्पी तोड़िए और राज्य की जनता को जवाब दीजिए।
बिजली की आंख-मचौली से बच्चे, बुजुर्ग और मरीजों का है बुरा हाल
सांसद ने कहा कि 24 मई को राष्ट्रपति के आगमन के साथ देश भर की मीडिया भी रहेगी। साथ ही कई अधिकारी मौजूद रहेंगे। इस दौरान राष्ट्रपति का गांव के लोगों के साथ और आम लोगों के साथ उनका संवाद होना है। उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली-पानी के हाहाकार की जानकारी से राज्य की प्रतिष्ठा धूमिल होगी। सांसद ने कहा कि इस इस भीषण गर्मी में एक ओर मौसम विभाग आनाअवश्यक घर से बाहर नहीं निकलने की चेतावनी दे रहा है। वहीं बच्चों के स्कूल की छुट्टियां चल रही हंै। बिजली की लगातर आंख-मचौली से बुजुर्ग, मरीज का तो और भी बुरा हाल है। संजय सेठ ने कहा कि पानी के लिए लोग दर-ब-दर भटक रहें हैं। कई मोहल्ले में सप्लाई पानी 4 से 5 दिनों में एक बार दी जा रही है। उसकी भी कोई समय सीमा नहीं है। सांसद ने कि शहर की 50 प्रतिशत बोरिंग फेल हो चुकी है। रूका डैम का जलस्तर कम होता जा रहा है। अन्य डैम की कमोबेश यही स्थिति है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बतायें लोगों को पानी पीने की वैकल्पिक व्यवस्था क्या की गयी है। आम गृहणी परेशान है, छात्र पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। व्यपार प्रभावित हो रहा है, उद्योग धंधे प्रभावित हो रहे हैं। सांसद ने कहा कि किसान परेशान है, इस भीषण गर्मी में किसान खेतों में पानी का पटवन नहीं कर पा रहे हैं। नतीजन सब्जी बर्बाद हो रही है। वहीं, सांसद ने चेतावनी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की बिजली पानी पर चुप्पी ठीक नहीं है। अगर बिजली पानी की समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ तो विरोध प्रदर्शन करेंगे।