सुप्रीमकोर्ट से सशर्त अनुमति मिलने के बाद पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इतिहास में पहली बार बिना श्रद्धालुओं के भगवान जगन्नाथ रथयात्रा पर निकल रहे हैं। इसमें केवल सेवायत ही हिस्सा ले रहे हैं।
बिना श्रद्धालुओं के निर्धारित संख्या में सेवायतों के साथ इस यात्रा की रीति नीति प्रारंभ हो गई है। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा की पहंडी बिजे की नीति समाप्त हो चुकी है। सबसे पहले पहंडी बिजे के जरिये देवी सुभद्रा व चक्रराज सुदर्शन दर्पदलन रथ पर रथारुढ हो चुके हैं। इसके बाद बलभद्र तालध्वज रथ पर रथारुढ हुए। इसी तरह अंत में भगवान जगन्नाथ नंदीघोष रथ पर रथारुढ हो चुके हैं ।
इसके बाद मदन मोहन बिजे, चिता लागी नीति संपन्न होगा। इसके पश्चात घोड़ा लागी व सारथी लागी नीति संपन्न होने के बाद पुरी के गजपति महाराज छेरा पहँरा की नीति करेंगे इसके बाद रथ को खिंचा जाएगा