-राज्यपाल ने फाइलों में जो सवाल खड़ा किए हैं इसकी विधि सम्मत जवाब देना चाहिए
-उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद नेता प्रतिपक्ष का मामला ठंडे बस्ते में है
रांची। राज्य सरकार द्वारा गठित समन्वय समिति की पहली बैठक ने राज्य के सवा तीन करोड़ जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने शनिवार को हुई समन्वय समिति की बैठक पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि बैठक केवल औपचारिकता मात्र बनकर रह गयी। राज्य के ज्वलंत मुद्दों में आकंठ भ्रष्टाचार, महिला उत्पीड़न, हजारों बहन बेटियों के साथ घट रही बलात्कार की घटनाएं, बेटियों की नृशंस हत्याएं, जमीन की लूट, खान खनिज की लूट जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे समन्वय समिति के एजेंडे में शामिल नहीं हुए।श्री प्रकाश ने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद नेता प्रतिपक्ष का मामला ठंडे बस्ते में है। आज नेता प्रतिपक्ष के बिना लोकायुक्त, सूचना आयोग, महिला आयोग का गठन नहीं हो सका है फिर भी यह मुद्दा समन्वय समिति का एजेंडा नहीं बना। इतना ही नहीं वित्त आयोग गठित नहीं होने से केंद्रीय अनुदान के हजारों करोड़ रुपये राज्य के लिए लंबित है इसपर समिति मौन रही।उन्होंने कहा कि समिति ने केवल बैठक की खानापूर्ति की है। और अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए भाजपा के खिलाफ बयान देकर अपना पल्ला झाड़ दिया है। श्री प्रकाश ने कहा भाजपा जन भावनाओं की अभिव्यक्ति है। एक सशक्त विपक्ष के नाते भाजपा ने लगातार सदन से सड़क तक जन मुद्दों को उठाया है,संघर्ष किया है। जो आगे भी जारी रहेगा।उन्होंने कहा कि समन्वय समिति को राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर उंगली उठाने से पहले अपनी नाकामियों को ठीक करने की पहल करनी चाहिए। राज्यपाल ने फाइलों में जो सवाल खड़ा किए हैं इसकी विधि सम्मत जवाब देना चाहिए। श्री प्रकाश ने कहा कि नियोजन नीति और स्थानीय नीति पर समन्वय समिति ने खुद अपनी सरकार को ही आइना दिखाया है। उन्होंने कहा कि समन्वय समिति ने जन भावनाओं के अनुरूप नियोजन नीति की बात की है। इससे स्पष्ट है कि हेमंत सरकार जनभावनाओं पर खरी नहीं उतर रही है।