-इडी कर चुकी है पूछताछ, वही अभियंता तय करता है काम
-कल्याणी कंस्ट्रक्शन के पास मजबूत दस्तावेज भी नहीं
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री इरफान अंसारी के विभाग में जो कुछ हो रहा है, उस पर आप एकबारगी विश्वास नहीं कर सकते हैं। हर ठेका, पैरवी या पैसा पर तय हो रहा है। ठेकेदारों के दस्तावेज कोई मायने नहीं रखते। चतरा में कई अलग-अलग सड़क के निर्माण के लिए 12 करोड़ 36 लाख के पैकेज वाला टेंडर निकाला गया है। इसके लिए इश्तेहार भी जारी हुआ, लेकिन ठेका किसे मिलेगा, वह तय कर रहा है विभाग के कार्यपालक अभियंता राजकुमार टोप्पो। यह वही टोप्पो हैं, जिससे इडी कई बार पूछताछ कर चुकी है। इस विभाग में अभियंता प्रमुख जयप्रकाश सिंह हैं। वे आंख मूंद कर बैठे हुए हैं। हुआ क्या है इसे सिलसिलेवार ढंग से बताते हैं।

चतरा में सड़क निर्माण के लिए जो निविदा आमंत्रित की गयी उसमें पांच ठेकेदारों ने निविदा पत्र भरा। इसमें नंदकिशोर सिंह प्राइवेट लि को रिजेक्ट कर दिया गया। बाकी के चार जय मां वैष्णो कंस्ट्रक्शन प्रालि, जय मां अंबे प्रालि, एसके कंस्ट्रक्शन और कल्याणी कंस्ट्रक्शन बचे। ये चार क्वालीफाइ माने गये। क्वालीफाइ होने के बाद पांच से सात दिन की मोहलत इसलिए दी जाती है कि यदि उनके कागजात में कोई गड़बड़ी है तो लोग उस पर आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। मंगलवार को कल्याणी कंस्ट्रक्शन को काम करने की स्वीकृति दे दी गयी। जबकि ठेकेदार उमेश कुमार सिंह ने कल्याणी कंस्ट्रक्शन के दस्तावेज पर सवाल खड़े किये थे।

कल्याणी कंस्ट्रक्शन के जीएसटी का दो पेपर जमा नहीं है। सिविल टर्न ओवर के दस्तावेज भी नहीं हैं। इस कंस्ट्रक्शन को बिहार में ढेर सारा ठेका मिला हुआ है। इसी को गलत दस्तावेज के आधार पर चतरा का पैकेज एलाट कर दिया गया है। मंत्री इरफान अंसारी से इस मामले की जांच की गुहार लगायी गयी है।

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