रांची। जिले के बुढ़मू थाना क्षेत्र स्थित छापर नदी बालू घाट से होनेवाली लेवी वसूली को लेकर टीपीसी और जेजेएमपी उग्रवादी संगठन आमने-सामने हो गया है। वर्चस्व की लड़ाई में जहां टीपीसी उग्रवादियों ने जेजेएमपी के एरिया कमांडर विकास लोहरा उर्फ अभिजीत की हत्या कर दी, वहीं आने वाले दिनों में वर्चस्व स्थापित करने को लेकर खूनी संघर्ष की आशंका तेज हो गयी है। विकास लोहरा की हत्या में ना सिर्फ पुरानी रंजिश, बल्कि बालू घाट से मोटी वसूली का मामला भी जुड़ा है। अवैध बालू खनन से इन दोनों उग्रवादी संगठनों को मोटी कमाई होती है।
वर्चस्व जमाने को लेकर जेजेएमपी उग्रवादियों ने मजदूर की पिटाई की थी
जानकारी के मुताबिक बीते 26 अगस्त की शाम प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के द्वारा बुढ़मू थाना क्षेत्र के छापर स्थित बालू घाट मं लगे मजदूरों की पिटाई करते हुए काम बंद करने और मैनेज करने की बात कही गयी थी। इस पर उग्रवादी संगठन टीपीसी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए, जेजेएमपी को चेतावनी दी थी। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि जेजेएमपी उग्रवादी संगठन हमसे मुकाबला करे। टीपीसी ने जेजेएमपी को चेतावनी देते हुए कहा, आम जनता को परेशान करना बंद करें, अगर मुकाबला करना है तो टीपीसी से करें।
टीपीसी संगठन जेजेएमपी से लड़ने को तैयार
टीपीसी के सब जोनल कमांडर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि छापर की आम जनता का दूर-दूर तक कोई रोजगार नहीं है। एकमात्र छापर बालू घाट से अपनी मेहनत मजदूरी से घर परिवार और बच्चों की पढ़ाई लिखाई और जीविका चलाते थे। 26 अगस्त की रात को जेजेएमपी के नाम पर कुछ लोगों ने छापर बालू घाट में मेहनत करने वाले मजदूरों को मार पीट कर बेरोजगार कर दिया एवं इस महंगाई में दाने-दाने को मोहताज बना कर एवं आमजनों को काम बंद रखने के लिए फोन कर के जान से मारने की धमकी देकर जेजेएमपी अपने आपको क्या साबित करना चाहता हैं। अगर वर्चस्व कायम करना हैं, तो आम जनता को धमकाना छोड़ के आये, टीपीसी संगठन जेजेएमपी के विरुद्ध में आम जनता के पक्ष मे लड़ने के लिए तैयार है।